लखनऊ: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गए हैं. समारोह में विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो इसके लिए भी यूपी पुलिस की ओर से खास तैयारी की गई है. कुशल व्यवहार और कई भाषाओं के जानकार 21 ट्रेनी आईपीएस को अयोध्या में तैनात किया जाएगा, जिससे दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी न हो.
पुलिस महानिदेशक (डीजी) कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए यह बताया कि यूपी पुलिस और यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह एक ऐतिहासिक पल है. अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा में आधुनिक तकनीकी का अधिक प्रयोग किया जा रहा है. कुछ ड्यूटियां ऐसी होंगी जहां पर मधुर व्यवहार से यहां पर आने वाले दर्शनार्थियों का दिल जीता जा सके. ऐसी जगहों पर जहां पर सामान्य श्रद्धालु जाएंगे, वहां पर तैनात पुलिस की अलग से ड्रेसकोड बनाया गया है. यह सभी पुलिसकर्मी बगैर हथियार के होंगे. इसके साथ ही जो अन्य ड्यूटियां होंगी वो आधुनिक हथियार और वर्दी में रहेंगे. हमने तकनीक को भी शामिल किया है और कैमरों के जरिए निगरानी की जाएगी.
उन्होंने बताया कि कुछ प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों की भी ड्यूटी लगाई गई है जो अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को भाषा की दिक्कत न हो. दर्शनार्थी सहजता से जरूरत पड़ने पर उनके सामने अपनी बात रख सकें और यूपी पुलिस उनकी पूरी मदद कर सकें. इससे पहले वर्ष 2019 में भी प्रयागराज के कुंभ में इसका प्रयोग किया गया था.
डीजी ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा को लेकर यूपी पुलिस की ओर से सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है. समारोह में पुलिस के 11 हजार से अधिक जवानों को तैनात किए जा रहा है. रिजर्व पीएसी की 16 कंपनी को लगाया गया है. 288 दारोगा और सिपाही सूट-बूट में विशिष्ट अतिथियों की सुरक्षा में तैनात किए जाएंगे. अयोध्या जाने वाले सभी रास्तों को ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित कर वहां सुरक्षा मुहैया करवाई गई है.
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