Madhya Paradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Paradesh) की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बड़ा दांव खेला है. सीएम चौहान की सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान कर दिया है. संसद में महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद मध्य प्रदेश ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसने नौकरियों में भी महिला आरक्षण का इंतजाम कर दिया है.
सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए मध्य प्रदेश सिविल सेवा (स्पेशल प्रोविजन फॉर अपॉइंटमेंट ऑफ वुमन) नियम, 1997 में संशोधन किया गया है. नियमों के मुताबिक, यह आरक्षण वन विभाग की नौकरियों में लागू नहीं होगा. मध्य प्रदेश की सरकार ने इस बारे में गैजेट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. इसका मतलब है कि ये नियम तत्काल लागू हो गए हैं और आगामी भर्तियों में महिला आरक्षण दिया जाएगा.
क्या कहते हैं नए नियम?
मध्य प्रदेश सरकारी के गैजेट नोटिफिकेशन में कहा गया है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राज्यपाल, मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियम 1997 को संशोधित करते हैं. नियमों के मुताबिक, वन विभाग को छोड़कर बाकी सभी भर्तियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. यह आरक्षण हॉरिजोंटल और कंपार्टमेंट वाइज दोनों तरीकों से लागू होगा.
शिवराज सिंह चौहान ने इसी साल महिला दिवस पर ऐलान किया था कि महिलाओं के आरक्षण में बढ़ोतरी की जाएगी. अभी तक मध्य प्रदेश में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलता था. अब इसे बढ़ाकर 35 प्रतिशत कर दिया गया है. बता दें कि महिला मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए बीजेपी सरकार महिला केंद्रित योजनाओं पर जोर दे रही है. ऐसी ही 'लाडली बहना' योजना के तहत मध्य प्रदेश में लड़कियों को हर महीने 1000 रुपये दिए जा रहे हैं.
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