राज्य की मुखिया ममता हैं तो लोग भगवान भरोसे रहें: दिलीप घोष


पंचायत चुनाव में अपने घर के पास के मतदान केंद्र पर हार का सामना करने वाले भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोला है। एक दिन पहले सीएम बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि राज्य में केवल 19 लोगों की मौत का आंकड़ा सरकार के पास है और उन्हें वित्तीय मदद दी जाएगी। ममता ने यह भी कहा था कि हिंसा की घटनाओं में उनका कोई दोष नहीं है।

इसे लेकर गुरुवार सुबह न्यूटाउन के इको पार्क में मॉर्निंग वॉक करने पहुंचे दिलीप घोष ने कहा कि राज्य की मुखिया को अगर यह समझ में नहीं आता है कि उनके राज्य में चुनाव वाले दिन 47 लोगों की मौत में उनकी क्या गलती है तो राज्य के लोग तो भगवान भरोसे हैं। उन्होंने कहा कि 47 लोगों की मौत की खबरें बिल्कुल पुष्ट करके चली हैं लेकिन उन्हें केवल 19 लोगों की मौत दिख रही है। हर जगह उनका पुलिस प्रशासन फेल है। उनके लोग मार रहे हैं और प्रशासन की विफलता की वजह से मर रहे हैं तब भी वह कहती हैं कि मेरा क्या दोष है?

राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा को रबड़ स्टाम्प करार देते हुए दिलीप घोष ने कहा कि उन्हें इसलिए आयुक्त बनाया गया था ताकि वह सत्तारूढ़ पार्टी के लोगों के इशारे पर नाचें। हर रोज कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई लेकिन वह जस के तस बने रहे।

भांगड़ में केंद्रीय बलों की मौजूदगी के बावजूद हिंसा को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वहां केंद्रीय बलों की नहीं बल्कि पंजाब पुलिस की तैनाती थी। राज्य सरकार जानती थी कि सेंट्रल फोर्स की मौजूदगी में उनका मकसद पूरा नहीं होगा इसलिए दूसरे राज्यों से सशस्त्र बलों को लाया गया था। केंद्रीय बलों के जो प्रमुख थे उन्होंने पहले ही बता दिया है कि उन्हें संवेदनशील मतदान केंद्रों की जानकारी नहीं दी गई। जहां भी केंद्रीय बलों के जवानों ने मोर्चा संभाला वहां हिंसा की कोई घटना नहीं हुई।

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