भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और बंगाल भाजपा के बड़े नेता दिलीप घोष ने शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला है.
शनिवार को मीडिया से मुखातिब घोष ने कहा कि एक दिन पहले ही कलकत्ता हाईकोर्ट ने 36 हजार प्राथमिक शिक्षकों को नौकरी से हटाने का आदेश दिया है जो अपने आप में अद्वितीय है. हकीकत यही है कि ममता बनर्जी की सरकार ने ना केवल शिक्षक नियुक्ति बल्कि सरकारी नियुक्तियों को मछली बाजार बना दिया. पैसा दो नौकरी लो.
उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को भी मछली बाजार बनाया गया है. घोष ने कहा कि एक समय ऐसा था जब पश्चिम बंगाल की शिक्षा व्यवस्था पूरे देश के लिए गौरव होती थी. कई महापुरुषों ने पश्चिम बंगाल में जन्म लिया. ब्रिटिश शासन के पहले से ही बंगाल के प्रबुद्ध जनों की शिक्षा पूरी दुनिया में मशहूर थी. लेकिन आज एक ममता बनर्जी का युग है जो पश्चिम बंगाल के इतिहास में काले अक्षरों में दर्ज होगा.
सुबह के समय खड़गपुर में चाय पर चर्चा के दौरान दिलीप ने कहा कि वास्तव में ममता बनर्जी का मकसद अयोग्य शिक्षकों को नियुक्त कर एक ऐसी पीढ़ी तैयार करनी है जो जीवन भर मजदूर तैयार करें जो दूसरे राज्यों में जाकर नौकरी करें. शिक्षक नियुक्ति के नाम पर कम से कम 3600 करोड़ की लूट हुई है. केवल नौकरी रद्द करने से नहीं होगा बल्कि इन रुपयों की वसूली करनी होगी. किसने किससे कितने पैसे लिए, यह पूरा उजागर किया जाना जरूरी है. ऐसे लोगों को सजा मिलनी जरूरी है नहीं तो और भी लोगों को ठगेंगे.
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