नवगठित राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इसके साथ ही उनकी जदयू के साथ बंधी आखिरी डोर भी टूट गई. हालांकि, कुशवाहा विधान परिषद में मनोनीत सदस्य थे. एमएलसी पद से इस्तीफा देने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू पर तंज भी कसा. इसके लिए उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट साझा की. इस पोस्ट में कुशवाहा ने संस्कृत के मंत्र को लिखते हुए अपनी बात कही है.
कुशवाहा ने अपनी पोस्ट में लिखा कि मुख्यमंत्री जी, "त्वदीयं वस्तु तुभ्यमेव समर्पये." आज मैंने विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा सौंप दिया. मन अब हल्का है. चक्रव्यूह से बाहर आ जाने की सुखद अनुभूति हो रही है. याचना का परित्याग कर रण के रास्ते पर निकल पड़ा हूं. इस पोस्ट में उपेंद्र कुशवाहा ने विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के साथ इस्तीफा सौंपते समय ली गई तस्वीर भी साझा की है. बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने नए दल के गठन के दिन ही विधान परिषद की सदस्यता से त्यागपत्र देने की घोषणा की थी.
मुख्यमंत्री जी,
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushRLJD) February 24, 2023
"त्वदीयं वस्तु तुभ्यमेव समर्पये।"
आज मैंने विधान परिषद् की सदस्यता से इस्तीफा सौंप दिया। मन अब हल्का है। चक्रव्यूह से बाहर आ जाने की सुखद अनुभूति हो रही है। याचना का परित्याग कर रण के रास्ते पर निकल पड़ा हूं। pic.twitter.com/GHo6osOMLh
उस दिन विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर पटना से बाहर थे, इसलिए कुशवाहा का त्यागपत्र नहीं सौंप सके थे. सभापति गुरुवार को पटना लौटे. इसके बाद शुक्रवार को इस्तीफा सौंपने को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने उनसे बातचीत भी की थी. कुशवाहा 17 मार्च, 2021 को विधान परिषद में राज्यपाल की ओर से नामित हुए थे. उनका कार्यकाल 16 मार्च, 2027 तक था. इस सीट के रिक्त होने की घोषणा के बाद बचे हुए कार्यकाल के लिए किसी नए सदस्य का मनोनयन होगा.
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