रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पश्चिम बंगाल में विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे. जहां उन्होंने विश्व भारती को "शिक्षा का मंदिर" बताते हुए संस्थान के छात्रों से इसके संस्थापक रवींद्रनाथ टैगोर की तरह मानवतावादी बनने का आग्रह किया है. रक्षा मंत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की. तो वहीं उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल में "तीर्थ के दो केंद्र हैं - एक गंगा सागर और दूसरा विश्व भारती.
भारती विश्वविद्यालय में छात्रों और अध्यापकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि टैगोर ने हमें दिखाया था कि राष्ट्रवाद क्षेत्रीय नहीं हो सकता है. यह हमारी बहुलतावादी संस्कृति पर आधारित होना चाहिए। राजनाथ सिंह ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर ने बच्चों में मानवतावाद के मूल्यों को विकसित करने के लिए भारती विश्वविद्यालय की स्थापना की है. उन्होंने छात्रों से जीवन में कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित किया. साथ ही उन्होंने छात्रों को देश के हित में सोचने के लिए भी कहा है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 से युवा दिमाग का समग्र विकास होगा. उन्होंने आगे कहा कि एक बच्चे का भविष्य उसकी परवरिश पर निर्भर करता है. उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप जीवन में जो कुछ भी बनें - वैज्ञानिक, इंजीनियर, सुधारवादी, सामाजिक वैज्ञानिक या कलाकार आपको गुरुदेव द्वारा दिए गए मूल्यों को अपनाना चाहिए.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए राज्य को विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में फिर से जगाने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि टैगोर, जो एक कवि, लेखक, संगीतकार और दार्शनिक थे वह सामाजिक सुधारों और महिला सशक्तिकरण के माध्यम से परिवर्तन लाने में विश्वास करते थे. तो वहीं केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारत "महान मानवतावादी" के 'मार्ग दर्शन' का अनुसरण कर रहा है इसलिए यह आगे बढ़ रहा है.
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