Bihar : कैबिनेट की मंजूरी से पहले शिक्षा मंत्री ने शिक्षक भर्ती नियमावली पर किए हस्ताक्षर, जल्द होगी नियुक्ति


बिहार के शिक्षा विभाग ने नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को स्वीकृति दे दी है. अब नई शिक्षक भर्ती नियमावली 2023 को मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी हेतु रखा जाएगा. सातवें चरण के तहत तीन लाख शिक्षकों के खाली पदों पर सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी.

शिक्षक नियुक्ति नियमावली को मंत्रिमंडल की बैठक में भेजने से पहले राज्य के शिक्षा मंत्री प्रो. चन्द्रशेखर ने नई नियमावली प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर इसकी पूरी जानकारी दी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि 2023 में शिक्षा विभाग में तीन लाख से ज्यादा नौकरियां दी जाएंगी. उन्होंने आगे कहा कि महागठबंधन सरकार ने जो 10 लाख नौकरी का वादा किया है, हम उस पर कायम हैं और उसे पूरा करके दिखाएंगे. नई नियमावली में वेबसाइट पर शिक्षकों का पूरा विवरण दिया जाएगा.

नई नियमावली में केंद्रीयकृत एवं आनलाइन आवेदन लेने की व्यवस्था की गई है. अभ्यर्थियों को केवल एक आवेदन देना होगा और उनकी उम्मीदवारी उनके दिए गए विकल्पों के अनुसार सभी जगह के लिए मान्य होगी. इससे आवेदकों के पैसे और समय दोनों की बचत होगी. अभी एक लाख 20 हजार माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के पद खाली हैं. शेष 80,257 रिक्तियां प्रारंभिक शिक्षकों की हैं. इसके अतिरिक्त उर्दू शिक्षकों और कंप्यूटर शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति होगी.

नई नियमावली में यह व्यवस्था की गई है कि राज्य की नौ हजार से ज्यादा शिक्षक नियोजन इकाईयों को खत्म कर दिया जाएगा. इसके स्थान पर 38 नियोजन इकाई का गठन किया गया है. प्रत्येक जिले में एक नियोजन इकाई कार्य करेगी. जिन नियोजन इकाई में शिक्षकों की नियुक्ति होगी, वही शिक्षकों का जिला संवर्ग होगा. पहले नियुक्ति हेतु चयन की अनुशंसा नियोजन इकाई द्वारा किए जाने का प्रविधान था, लेकिन नई नियमावली में चयन की अनुशंसा इससे संबंधित प्राधिकृत आयोग द्वारा किया जाएगा.

शिक्षा विभाग ने 2020 में लागू शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बदलाव कर नई नियामवली बनाई है, जो सभी प्रकार के सरकारी शिक्षकों पर लागू होगी. पुरानी नियमावली में चार प्रकार के अलग-अलग तरह के प्रविधान थे.

पहले की नियमावली में शिक्षकों का संवर्ग जिला के अधीन विभिन्न नियोजन इकाई के तहत होता था. जिला के तहत विभिन्न नियोजन इकाई में भी स्थानांतरण की कठिनाई होती थी. नई नियमावली में जिलास्तरीय संवर्ग होगा. इससे बेहतर सेवा शर्त और शिक्षा विभाग का प्रभावी नियंत्रण स्थापित हो सकेगा.

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