प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी मामले में गिरफ्तार कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. खेड़ा को रायपुर जाते समय आज ही फ्लाइट से उतारकर दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था. वे पार्टी के अधिवेशन में शामिल होने के लिए जा रहे थे.
खेड़ा की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने 3 बजे से करीब 30 मिनट की सुनवाई के बाद खेड़ा को मंगलवार तक अंतरिम जमानत दे दी. यानी खेड़ा को नियमित जमानत के लिए अर्जी लगाने तक पुलिस अरेस्ट नहीं कर पाएगी.
खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से एक राहत और मिली है. इसमें उनके खिलाफ दर्ज तीनों FIR को एक जगह क्लब करने का आदेश दिया गया है. कोर्ट ने इसके लिए असम और उत्तर प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी किया है. खेड़ा के खिलाफ असम में एक जगह और उत्तर प्रदेश के लखनऊ और वाराणसी में केस दर्ज किया गया है.
हालांकि आज की गिरफ्तारी असम में दर्ज केस के आधार पर हुई थी. अब कोर्ट खेड़ा की गिरफ्तारी और तीनों केस को क्लब करने को लेकर 27 फरवरी को अगली सुनवाई करेगा. इधर, शाम को दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद खेड़ा को 30 हजार के बॉन्ड पर अंतरिम जमानत दे दी. द्वारका कोर्ट ने असम पुलिस के ट्रांजिट रिमांड की मांग पर यह फैसला सुनाया.
पवन खेड़ा को जिस बयान की वजह से गिरफ्तार किया गया, वह बयान उन्होंने 20 फरवरी को दिल्ली में दिया था. हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर उन्होंने कहा था, 'जब अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बना सकते हैं तो नरेंद्र गौतमदास मोदी को क्या समस्या है.' अपने बयान में उन्होंने नरेंद्र दामोदरदास मोदी को गौतमदास मोदी कहा था.
इसके बाद उन्होंने आसपास खड़े लोगों से पूछा गौतम दास है या दामोदरदास. इसके बाद उन्होंने कहा कि नाम भले ही दामोदर दास है. उनका काम गौतमदास का है. हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी थी प्रधानमंत्री के नाम को लेकर उन्हें कन्फ्यूजन था.
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