भारतीय सेना को आज मिले 12 स्वदेशी ब्रिजिंग सिस्टम, सीमा पर हर बाधा से लड़ने में होगी मददगार

भारतीय सेना को आज स्वदेशी रूप से विकसीत 12 शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम (Short Span Bridging systems) मिल गया है। यानी अब पाकिस्तान के साथ पश्चिमी सीमाओं पर ऑपरेशन के लिए सेना को स्वदेशी पुल मिलने से बड़ी राहत मिलेगी। यह शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम छोटी नदियों और नहरों जैसी भौगोलिक बाधाओं से सेना की मददगार साबित होगी। 10​-10 मीटर ​के ये 12 ​​ब्रिजिंग सिस्टम यानी छोटा पुल​ पाकिस्तान के साथ सटी पश्चिमी सीमाओं पर संचालन के लिए होगा। 12 शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम मिलने के दौरान डीआरडीओ प्रमुख डॉ.जी, सतीश रेड्डी और सेना प्रमुख एमएम नरवाने भी मौजूद रहे। बता दें कि इस सिस्टम को डीआरडीओ और एल एंटी द्वारा डिजाइन किया गया है।

कोलार में चल रहा है ट्रायल

इस कार्यक्रम के दौरान डीआरडीओ प्रमुख डॉ.जी सतीश रेड्डी ने कहा कि हमने यह प्रणाली विकसित की थी। फिलहाल कोलार में इसका ट्रायल चल रहा है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स ने इसके लिए टैक्नोलॉजी ट्रांसफर की है। इसके लिए आगे की तैयारियों और विचार चल रहा है। इस दौरान कई प्राइवेट कंपनियां भी आई हैं जो टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करने में मदद कर रही हैं।

अगस्त अंत तक 30 पुल ब्रिजिंग वितरित करने में सक्षम होगा लार्सन एंड टुब्रो - डीआरडीओ प्रमुख

इसके साथ ही डीआरडीओ प्रमुख ने कहा,'मैं एलएंडटी को कम समय में इन ब्रिजिंग सिस्टम के साथ आने के लिए धन्यवाद देता हूं। मुझे बताया गया है कि अगस्त के अंत तक वे लगभग 30 पुल ब्रिजिंग को वितरित करने में सक्षम होंगे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने द्वारा दिल्ली कैंट में कोर ऑफ इंजीनियर्स को यह उपकरण सौंपे गए हैं। इसकी कीमत 492 करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली को डीआरडीओ के साथ भारतीय सेना के इंजीनियरों द्वारा डिजाइन किया गया है और देश के भीतर लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि पिछले एक साल में उद्योगों पर लगाए गए कोरोना प्रतिबंधों के बावजूद भारतीय सेना को ब्रिजिंग सिस्टम की आपूर्ति समय की जा रही है

Post a Comment

Previous Post Next Post