कोरोना काल में जहां अधिकतर देश अपने यहां के लोगों को वैक्सीन की सुविधा मुहैया कराने पर अधिक जोर दे रहे हैं वहीं भारत दुनिया के कई देशों में इस वैक्सीन को मुफ्त मुहैया करवा रहा है। इन देशों में भारत ने अपने पड़ोसी देशों को प्राथमिकता दी है, लेकिन इसमें पाकिस्तान शामिल नहीं है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि पाकिस्तान ने वैक्सीन को लेकर कोई अनुरोध भारत से अब तक नहीं किया है। वहीं पाकिस्तान लगातार वैक्सीन के लिए चीन की तरफ मुंह ताक रहा है।
चीन ने उसको स्वदेशी फार्मा कंपनी सिनोफॉर्म की कोविड-19 वैक्सीन को देने का वादा तो किया था लेकिन उसकी सप्लाई ये कहते हुए नहीं की कि इसके लिए पाकिस्तान अपना विमान भेजे। बहरहाल, अब पाकिस्तान के विमान से ही ये वैक्सीन वहां लाई जाएगी। पाकिस्तान की बात करें तो वहां पर अगले सप्ताह से इसका टीकाकरण शुरू होने वाला है। इसको देखते हुए पाकिस्तान ने तीन वैक्सीन को आपात सेवा के तौर पर इस्तेमाल की मंजूरी दी है। इसमें सिनोफार्म की वैक्सीन के अलावा, रूस की स्पुतनिक-5 और एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफॉर्ड की वैक्सीन शामिल है।
आपको ज्ञात है कि पाकिस्तान और भारत के संबंध काफी समय से खराब हैं। दोनों देशों के बीच तीन बार युद्ध हो चुका है और कई बार परमाणु ताकत संपन्न ये देश युद्ध के मुहाने पर आ खड़े हुए हैं। इसके बाद भी भारत ने विपरीत परिस्थितियों में पाकिस्तान को हर तरह की मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया है, लेकिन इस बार भारत ने पाकिस्तान को उसके ही आसरे छोड़ दिया है। वैक्सीन डिप्लोमेसी में भारत की पूरी दुनिया में वाह-वाही हो रही है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटारेस ने भी खुद इसके लिए भारत की तारीफ की है।
भारत ने अब तक अपने पड़ोसी देशों के अलावा ब्राजील और मोरक्को समेत करीब 18 देशों को वैक्सीन मुहैया करवाई हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि भारत वैक्सीन के निर्माण में दुनिया में सबसे आगे है। विश्व की जरूरत की करीब 60 फीसद दवाओं की आपूर्ति भारत से ही होती है। भारत के पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट दुनिया का सबसे बड़ा दवा निर्माता है। इस लिहाज से पूरी दुनिया कोविड-19 वैक्सीन के लिए भारत की तरफ देख रही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या भविष्य में भारत कोरोना से निजात दिलाने वाली वैक्सीन पाकिस्तान को भेजेगा।
इस सवाल पर किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर हर्ष वी पंत का साफतौर पर कहना है कि भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी में अंतर्गत जितने पड़ोसी देश आते थे उन सभी को वैक्सीन मुहैया करवा दी गई है। आगे भी इन्हें प्राथमिकता के आधार पर मदद दी जाएगी। लेकिन पाकिस्तान को निकट भविष्य में भारत वैक्सीन भेजेगा इसकी कोई उम्मीद नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि न तो पाकिस्तान ने भारत से इसकी कोई गुजारिश की है और न ही दोनों देशों के बीच इसको लेकर कोई बातचीत हुई है।
प्रोफेसर पंत का कहना है कि पाकिस्तान तीन वैक्सीन को अपने यहां परआपात सेवा के तौर पर इस्तेमाल की मंजूरी दे चुका है और कोवैक्स जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से दुनिया को कोविड-19 वैक्सीन मुहैया कराने की योजना है, उससे वैक्सीन हासिल करने की दिशा में बढ़ रहा है। ऐसे में भारत के पाकिस्तान को वैक्सीन उपलब्ध कराने की गुंजाइश नहीं बचती है। उनके मुताबिक कोवैक्स में भी भारत की हिस्सेदारी है। इसलिहाज से कहा जा सकता है कि भारत न सिर्फ पाकिस्तान को बल्कि पूरी दुनिया को इस महामारी से निजात दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।
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