रातभर धरना देने वाले राज्यसभा सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे हरिवंश, प्रधानमंत्री मोदी ने की तारीफ

राज्‍यसभा से निलंबित आठों सांसद रातभर गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे रहे। उन्‍हें सभापति वेंकैया नायडू ने रविवार को सदन में हंगामा करने और उपसभापति हरिवंश से बदसलूकी के लिए सस्‍पेंड किया था। मंगलवार सुबह सांसदों के धरनास्थल पर खुद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश पहुंच गए। वह अपने साथ एक झोला लाए थे जिसमें सांसदों के लिए चाय थी। हरिवंश ने अपने हाथों से चाय निकाली और सांसदों को पिलाई। उन्‍होंने उन सांसदों से बात भी की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपसभापति हरिवंश के इस कदम की तारीफ करते हुए ट्वीट किया और कहा, 'जिन सांसदों ने उनपर हमला किया और उनका अपमान किया उनके लिए स्वयं चाय लेकर जाना श्री हरिवंश जी के खुले और बड़प्पन को दर्शाता है। यह उनकी महानता को दिखाता है। मैं देश की जनता के साथ मिलकर इसके लिए हरिवंशजी को बधाई देता हूं।'


कांग्रसे सांसद रिपुन बोरा ने कहा,'सरकार की ओर से कोई हमारा हाल लेने नहीं आया। कई विपक्षी नेता आए और हमारा साथ देने की बात कही। हम प्रदर्शन जारी रखेंगे। हरिवंश जी ने कहा कि वे हमसे कलीग के तौर पर मिलने आए न कि राज्यसभा के उपसभापति के तौर पर। अपने साथ वे चाय व स्नैक्स भी लेकर आए। हम यहीं परिसर में रातभर रहे।'

दरअसल, सोमवार को राज्यसभा में ऐसा दृश्य था जो पहले शायद ही कभी देखने को मिला हो,सांसदों ने कृषि विधेयक के विरोध में वेल में आकर हंगामा किया और रूल बुक फाड़ने की कोशिश की थी। कृषि विधेयक पारित होने के दौरान इन सांसदों ने हंगामा तो किया ही साथ ही  उपसभापति के साथ दुर्व्यवहार भी किया जिसके बाद  सदन के सभापति ने इन सांसदों पर कार्रवाई की। बता दें कि लोकसभा में यह विधेयक ध्वनि मत से पारित हो चुका है। 

8 सांसदों को किया गया निलंबित  

निलंबित सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन व डोला सेन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव साटव, सैयद नासिर हुसैन, रिपुन बोरा और सीपीआई (एम) से केके रागेश और एल्मलारान करीम शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि विपक्ष ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया था जिसे सभापति वैंकेया नायडू ने खारिज कर दिया।

सांसदों का निलंबन अलोकतांत्रिक: कांग्रेस

सांसदों के निलंबन को अलोकतांत्रिक कदम बताते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पहले तो सांसदों को बोलने का मौका नहीं दिया और उसके बाद निलंबित करने का फैसला कर दिया गया। वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सरकार का बचाव किया और कहा कि राज्यसभा में सरकार को स्पष्ट बहुमत हासिल था।

110 सांसद कर रहे थे विधेयक का समर्थन

रविशंकर ने कहा कि रविवार को राज्यसभा में 110 सांसद कृषि बिल का समर्थन कर रहे थे जबकि केवल 72 सांसद इसका विरोध कर रहे थे। रविशंकर ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि उनका एजेंडा सदन को बिल पास करने से रोकना था।


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