सरकारी संस्था से अलग हुईं टॉप वैक्सीन साइंटिस्ट, कोरोना पर कमेटी की थीं हेड


देश की टॉप वैक्सीन वैज्ञानिकों में शुमार डॉ गगनदीप कांग ने भारत सरकार की एक टॉप इंस्टीट्यूट में नौकरी छोड़ दी है.

डॉ गगनदीप कांग का नाम उन मेडिकल साइंटिस्ट में शामिल है जिन्होंने रोटा वायरस वैक्सीन को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई है.

भारत की टॉप मेडिकल साइंटिस्ट ने छोड़ी नौकरी

डॉ कांग ने आश्चर्यजनक रूप से फरीदाबाद स्थित प्रतिष्ठित ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंसेज एंड टेक्नॉलजी इंस्टीट्यूट (THSTI) के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया है. ये संस्था भारत सरकार के विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय के तहत आती है.

इस्तीफे की वजह निजी

अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को डॉ कांग ने कहा कि उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है. क्रिश्चयन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर में प्रोफेसर डॉ कांग 2016 से ही THSTI से जुड़ी हुई थीं, यहां उनका कार्यकाल एक साल और बाकी था.

कोरोना पर कमेटी की प्रमुख थीं कांग

डॉ कांग का ये इस्तीफा तब आया है जब कोविड-19 से जुड़ी एक कमेटी को 2 महीने पहले भंग कर दिया गया था. डॉ कांग इस कमेटी की प्रमुख थीं, इस कमेटी को कोरोना के लिए देशी दवा विकसित करने को कहा गया था.

डॉ गगनदीप कांग पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक हैं जिन्हें लंदन स्थित रॉयल सोसायटी का फेलो चुना गया है. उनका इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब भारत कोरोना के खिलाफ एक मुश्किल और लंबी जंग लड़ रहा है.

वापस वेल्लोर जाएंगी डॉ कांग

डॉ गगनदीप कांग ने कहा कि वे अपने शहर वेल्लोर जाना चाह रही हैं. उन्होंने कहा कि वह पिछले साल ही चली जाना चाहती थीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. डॉ कांग ने कहा कि जिस कमेटी को भंग किया गया है उससे उनके नौकरी छोड़ने का कोई लेना-देना नहीं है.

रोटा वायरस वैक्सीन विकसित करने के अलावा डॉ कांग ने कोरोना और टाइफाइड पर भी काफी काम किया है. इन बीमारियों का वैक्सीन बनाने में उनका अहम रोल रहा है. डॉ कांग विश्व स्वास्थ्य संगठन, इंटरनेशनल वैक्सीन इंस्टीट्यूट के साथ भी काम कर चुकी हैं.


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