कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए भारत सरकार द्वारा 3 हफ्तों का लॉकडाउन लागू किया गया है. ऐसे में कई लोगों को रोजमर्रा के जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. देश में जो गरीब तबके के लोग हैं उन्हें दो वक्त की रोटी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है वहीं कई लोग इस लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हो चुके हैं. ये बात साउथ के सुपरस्टार एक्टर और पॉलिटीशियन कमल हासन के लिए भी चिंता का सबब बन गई है और उन्होंने एक लेटर के जरिए अपनी बात रखी है.
कमल हासन ने अपने लेटर में कहा है कि वे प्रधानमंत्री द्वारा देशभर में लॉकडाउन के निर्णय से असंतुष्ट हैं और उन्हें ऐसा लगता है कि लॉकडाउन मोदी सरकार द्वारा की गई नोटबंदी से भी बड़ी भूल है. कमल ने लिखा- मैंने 23 मार्च को लिखे गए अपने लेटर में ये विनती की थी कि ऐसी स्थिति उत्पन्न ना की जाए जिसकी वजह से देशभर के गरीबों को दिक्कतों का सामना करना पड़े. मगर उसके अगले दिन लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया. ठीक वैसे ही जैसे नोटबंदी का ऐलान किया गया था. मगर इसके बावजूद हमने आप पर अपना भरोसा जताया. पर मैं गलत था. और आप भी गलत थे. समय ने आपको गलत साबित किया.
कमल हासन ने उठाए सवाल
आप देश के लीडर हैं और 1.4 बिलियन लोग आपकी आज्ञा का पालन करते हैं. आज दुनियाभर में कोई भी दूसरा नेता ऐसा नहीं है जिसकी इतनी मास फॉलोइंग हो. सारा देश आप पर भरोसा करता है. हम सब आपके निर्देशों पर चलने के लिए तैयार हैं. मैं भी एक लीडर हूं और एक लीडर होने के नाते लॉकडाउन को लेकर मेरे कुछ सवाल हैं.
My open letter to the Honourable Prime Minister @PMOIndia @narendramodi pic.twitter.com/EmCnOybSCK— Kamal Haasan (@ikamalhaasan) April 6, 2020
मुझे इस बात का डर है कि जिस तरह डिमॉनेटाइजेशन के बाद से देश को नुकासन झेलना पड़ा ऐसा ही लॉकडाउन के साथ भी होता दिख रहा है. गरीबों के रोजगार खतरे में हैं और उनकी देखरेख करने वाला आपके अलावा और कोई नहीं है. जहां एक तरफ आपके कहने पर लोग तेल से दीया जला रहे हैं वहीं कई गरीब देश में ऐसे भी हैं जनके पास खाना पकाने के लिए तेल नहीं है.