कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण दुनिया में एक बार फिर मंदी की आहट है. एशियाई और यूरोपीय बाजारों में गिरावट जारी है. ज्यादातर देशों की इकोनॉमी की हालत खस्ता है. करोड़ों लोगों पर छंटनी की तलवार लटक रही है, ऐसे में दिग्गज अमेरिकी निवेशक जिम रोजर्स ने चेतावनी दी है कि अभी इससे भी बुरा वक्त आ सकता है.
गौरतलब है कि साल 2008 की आर्थिक मंदी के बाद बीती तिमाही बाजार के लिए सबसे खराब रही. दुनियाभर में सरकारों ने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए बड़ा निवेश किया. केंद्रीय बैंकों ने आनन-फानन में ब्याज दरों को घटा दिया.
अगले दो साल में आएगी हाल की सबसे बड़ी मंदी
रोजर्स होल्डिंग्स इंक के चेयरमैन का कहना है कि शेयर बाजार में अभी गिरावट का दौर जारी है, लेकिन, बुरा दौर आना बाकी है. न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के अनुसार, रोजर्स कहा, 'अगले दो साल में मैं अपनी जिंदगी में बाजार की सबसे बड़ी मंदी देखने जा रहा हूं.'
शेयर बाजार पर पड़ेगी तीन तरफा मार
रोजर्स कहना है कि कोरोना वायरस के चलते बाजार पर तीन तरह से मार पड़ेगी. पहला, अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा. दूसरा, कर्ज बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा और तीसरा, अभी ब्याज की कम दरें बढ़ने के बाद काफी नुकसान पहुंचाएंगी.
यह पहली बार नहीं है जब रोजर्स ने बाजार में मंदी की आशंका जताई है. रोजर्स ने साल 1970 में जॉर्ज सोरोस के साथ मिलकर क्वांटम फंड की शुरुआत की थी. उन्होंने साल 2018 में मंदी का आशंका जताई थी. उनकी बातें सही होती दिख रही हैं, क्योंकि लॉकडाउन के चलते कामकाज ठप होने से कई कंपनियों पर कर्ज का बोझ बढ़ जाएगा.
इन सेक्टर्स के शेयरों पर नजर
उन्होंने बताया कि वे कुछ पिटे हुए सेक्टर्स के शेयरों पर नजर रखे हुए हैं. उन्हें कुछ संकेतों को बेहतर होने का इंतजार है. चीन और वैश्विक स्तर पर उनके रडार पर टूरिज्म, ट्रांसपोर्ट, एयरलाइंस और कृषि सेक्टर के शेयर मौजूद हैं.