बिहार के औरंगाबाद जिले गोह थानाक्षेत्र के एकौनी गांव में बुधवार को कोरोना की जांच के लिए गई मेडिकल टीम पर बुधवार को ग्रामीणों ने अचानक हमला बोल दिया, जिसमें जांच टीम के कई सदस्य घायल हो गए। वहीं, मोतिहारी में लोगों को जागरूक करने गए अफसरों पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया जिसमें बीडीओ घायल हो गए थे। ऐसे खई मामले सामने आ रहे हैं जिसमें ग्रामीण ऐसी बेजा हरकत करते दिख रहे हैं। अब इन मामलों पर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कड़ा रूख अपनाते हुए कहा है कि जो लोग ऐसा करेंगे उनको तो जेल में ही सड़ा देंगे।
डीजीपी ने बताया कि औरंगाबाद की घटना में अबतक 25 लोग जेल भेजे गए हैं और घटना के बाद फरार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों का नाम गुंडा पंजी में भी दर्ज होगा और स्पीडी ट्रायल के जरिये उन्हें सजा दिलाई जाएगी। डीजीपी ने कहा कि ये लोग गलत कर रहे हैं और एेसे लोगों को समझना होगा कि पुलिस और स्वास्थ्यकर्मी आमलोगों के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे में उनपर ही हमला करना सबसे बड़ी भूल होगी।
बता दें कि बुधवार को कोरोना संदिग्ध की सूचना मिलने के बाद औरंगाबाद के गोह थाना क्षेत्र के एकौनी गांव पहुंचे स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस की टीम पर गांव के लोगों ने अचानक हमला कर दिया था, जिसके बाद लोगों ने एसडीपीओ राजकुमार तिवारी और उनके साथ मौजूद पुलिस के जवानों की पिटाई भी की थी।
हालांकि, सूचना मिलने पर पहुंचे डीएम सौरभ जोरवाल और एसपी दीपक बरनवाल ने पुलिस बल के साथ ग्रामीणों को खदेड़ा। इस दौरान एसडीपीओ के अलावा कई पुलिसकर्मी, आयुष चिकित्सक डॉ. अर्जुन कुमार, एएनएम नीलू कुमारी, केयर मैनेजर अनूप कुमार मिश्रा, ड्राइवर सूरज कुमार भी घायल हो गए थे।
इसी तरह मोतिहारी जिले में भी कोरोना वायरस के संक्रमण और एईएस के बढ़ते खतरे को लेकर डीएम एस. कपिल अशोक के निर्देश पर बुधवार को हरसिद्धि प्रखंड के जागापाकड़ गांव के भैयाटोला में एसडीओ और बीडीओ लोगों को समझाने पहुंचे थे। वो लोगों से बात कर ही रहे थे कि चर्चा के दौरान उग्र ग्रामीणों ने उनपर हमला कर दिया, जिससे बीडीओ और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।