बिना किसी उकसावे के बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड ने की फायरिंग, हमने नहीं चलाई एक भी गोली


बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र (Indo-Bangla Border) में गुरुवार को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (Border Guards Bangladesh) द्वारा बीएसएफ (BSF) के गश्ती दल पर की गई गोलीबारी में एक हेड कांस्टेबल शहीद ,जबकि एक जवान घायल हो गया था. इस घटना के बाद बीएसएफ ने कड़ा विरोध जताया था जिस पर बीजीबी (BGB) ने गुरुवार देर रात बयान जारी कर उल्टे बीएसएफ पर पहले फायरिंग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी. बीजीबी के इस आरोप पर शुक्रवार को बीएसएफ ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए साफ कहा कि बांग्लादेश की तरफ से बिना किसी उकसावे के फायरिंग की गई और बीएसएफ के जवानों ने एक भी गोली नहीं चलाई थी.

गौरतलब है कि मुर्शिदाबाद जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जलंगी क्षेत्र में स्थित पदमा नदी में गुरुवार सुबह मछली पकड़ने गए तीन भारतीय मछुआरे को बीजीबी के जवानों ने बंधक बना लिया था. बाद में दो मछुआरे को यह कहते हुए छोड़ा कि वे बीएसएफ पोस्ट कमांडर को फ्लैग मीटिंग के लिए बुलाए. दोनों मछुआरों ने लौटकर सुबह करीब नौ बजे बीएसएफ के ककमारीचर पोस्ट पर घटना के बारे में सूचना दी.

बीजीबी ने अपनाया बेहद आक्रामक रुख 

सुबह साढ़े 10 बजे पोस्ट कमांडर पांच अन्य जवानों के साथ स्पीड बोट से फ्लैग मीटिंग के लिए पहुंचे. बीएसएफ अधिकारियों के मुताबिक, फ्लैग मीटिंग के दौरान बीजीबी ने बेहद आक्रामक रुख दिखाया और बीएसएफ की टीम की घेराबंदी करने की कोशिश की. साथ ही उन्होंने बंधक बनाए गए एक भारतीय मछुआरे को भी नहीं छोड़ा. हालात की गंभीरता को देखते हुए बीएसएफ की टीम स्पीड बोट से वापस लौटने लगी.

एके-47 राइफल से चलाई गोलियां

बीजीबी जवानों ने बोट पर सवार बीएसएफ के दल पर एके-47 राइफल से गोलियां बरसानी शुरू कर दी. घटना में हेड कांस्टेबल विजय भान सिंह के सिर में गोली लगी जिससे उनकी मौत हो गई, जबकि एक अन्य कांस्टेबल के हाथ में गोली लगी. बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीजीबी के दावे को खारिज करते हुए कहा कि हमारे जवानों ने एक भी गोली नहीं चलाई. बीजीबी की यह कार्रवाई उकसावे वाली थी.
कोलकाता, जागरण संवाददाता। बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र (Indo-Bangla Border) में गुरुवार को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (Border Guards Bangladesh) द्वारा बीएसएफ (BSF) के गश्ती दल पर की गई गोलीबारी में एक हेड कांस्टेबल शहीद ,जबकि एक जवान घायल हो गया था. इस घटना के बाद बीएसएफ ने कड़ा विरोध जताया था जिस पर बीजीबी (BGB) ने गुरुवार देर रात बयान जारी कर उल्टे बीएसएफ पर पहले फायरिंग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी. बीजीबी के इस आरोप पर शुक्रवार को बीएसएफ ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए साफ कहा कि बांग्लादेश की तरफ से बिना किसी उकसावे के फायरिंग की गई और बीएसएफ के जवानों ने एक भी गोली नहीं चलाई थी.

गौरतलब है कि मुर्शिदाबाद जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जलंगी क्षेत्र में स्थित पदमा नदी में गुरुवार सुबह मछली पकड़ने गए तीन भारतीय मछुआरे को बीजीबी के जवानों ने बंधक बना लिया था. बाद में दो मछुआरे को यह कहते हुए छोड़ा कि वे बीएसएफ पोस्ट कमांडर को फ्लैग मीटिंग के लिए बुलाए. दोनों मछुआरों ने लौटकर सुबह करीब नौ बजे बीएसएफ के ककमारीचर पोस्ट पर घटना के बारे में सूचना दी.

बीजीबी ने अपनाया बेहद आक्रामक रुख 

सुबह साढ़े 10 बजे पोस्ट कमांडर पांच अन्य जवानों के साथ स्पीड बोट से फ्लैग मीटिंग के लिए पहुंचे. बीएसएफ अधिकारियों के मुताबिक, फ्लैग मीटिंग के दौरान बीजीबी ने बेहद आक्रामक रुख दिखाया और बीएसएफ की टीम की घेराबंदी करने की कोशिश की. साथ ही उन्होंने बंधक बनाए गए एक भारतीय मछुआरे को भी नहीं छोड़ा. हालात की गंभीरता को देखते हुए बीएसएफ की टीम स्पीड बोट से वापस लौटने लगी.

एके-47 राइफल से चलाई गोलियां

बीजीबी जवानों ने बोट पर सवार बीएसएफ के दल पर एके-47 राइफल से गोलियां बरसानी शुरू कर दी. घटना में हेड कांस्टेबल विजय भान सिंह के सिर में गोली लगी जिससे उनकी मौत हो गई, जबकि एक अन्य कांस्टेबल के हाथ में गोली लगी. बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीजीबी के दावे को खारिज करते हुए कहा कि हमारे जवानों ने एक भी गोली नहीं चलाई. बीजीबी की यह कार्रवाई उकसावे वाली थी।
कोलकाता, जागरण संवाददाता. बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र (Indo-Bangla Border) में गुरुवार को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (Border Guards Bangladesh) द्वारा बीएसएफ (BSF) के गश्ती दल पर की गई गोलीबारी में एक हेड कांस्टेबल शहीद ,जबकि एक जवान घायल हो गया था. इस घटना के बाद बीएसएफ ने कड़ा विरोध जताया था जिस पर बीजीबी (BGB) ने गुरुवार देर रात बयान जारी कर उल्टे बीएसएफ पर पहले फायरिंग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी. बीजीबी के इस आरोप पर शुक्रवार को बीएसएफ ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए साफ कहा कि बांग्लादेश की तरफ से बिना किसी उकसावे के फायरिंग की गई और बीएसएफ के जवानों ने एक भी गोली नहीं चलाई थी.

गौरतलब है कि मुर्शिदाबाद जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जलंगी क्षेत्र में स्थित पदमा नदी में गुरुवार सुबह मछली पकड़ने गए तीन भारतीय मछुआरे को बीजीबी के जवानों ने बंधक बना लिया था. बाद में दो मछुआरे को यह कहते हुए छोड़ा कि वे बीएसएफ पोस्ट कमांडर को फ्लैग मीटिंग के लिए बुलाए। दोनों मछुआरों ने लौटकर सुबह करीब नौ बजे बीएसएफ के ककमारीचर पोस्ट पर घटना के बारे में सूचना दी.

बीजीबी ने अपनाया बेहद आक्रामक रुख 

सुबह साढ़े 10 बजे पोस्ट कमांडर पांच अन्य जवानों के साथ स्पीड बोट से फ्लैग मीटिंग के लिए पहुंचे। बीएसएफ अधिकारियों के मुताबिक, फ्लैग मीटिंग के दौरान बीजीबी ने बेहद आक्रामक रुख दिखाया और बीएसएफ की टीम की घेराबंदी करने की कोशिश की। साथ ही उन्होंने बंधक बनाए गए एक भारतीय मछुआरे को भी नहीं छोड़ा। हालात की गंभीरता को देखते हुए बीएसएफ की टीम स्पीड बोट से वापस लौटने लगी।

एके-47 राइफल से चलाई गोलियां

बीजीबी जवानों ने बोट पर सवार बीएसएफ के दल पर एके-47 राइफल से गोलियां बरसानी शुरू कर दी। घटना में हेड कांस्टेबल विजय भान सिंह के सिर में गोली लगी जिससे उनकी मौत हो गई, जबकि एक अन्य कांस्टेबल के हाथ में गोली लगी। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीजीबी के दावे को खारिज करते हुए कहा कि हमारे जवानों ने एक भी गोली नहीं चलाई। बीजीबी की यह कार्रवाई उकसावे वाली थी।

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