पीएम मोदी ने कसा तंज, मुंबई बम ब्‍लॉस्‍ट के दोषियों को पकड़ने के बजाय उनके साथ किया व्‍यापार


पीएम मोदी ने कहा कि मुंबई बम ब्‍लॉस्‍ट के घाव हम भूल नहीं सकते. धमाके में मारे गए लोगों के परिवारों के साथ उस समय की सरकारों ने न्‍याय नहीं किया. उसकी वजह अब सामने आ रही है। दोषियों को पकड़ने के बजाय उनके साथ कभी मिर्ची का व्‍यापार और कभी मिर्ची के साथ व्‍यापार.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक समय था जब मुंबई में बम धमाके और आतंकी हमले कभी भी हो जाया करते थे. मुंबई के समुद्र तट जो बिजनस के आउटलेट थे, वो आतंकियों का प्रवेश द्वार बन गए थे. अब भी क्या यही स्थिति है? नहीं न? अब आतंक को पालने वाले जानते हैं कि अगर कोई गलती की, तो उसकी पूरी सजा मिलेगी। यह बात चुनावी रैली में कही.
  

पीएम मोदी ने कहा कि मुंबई को अवसरों की भूमि के रूप में देखा जाता है. जो भी यहां आया है, यहां से बहुत कुछ पाया है. ये इस धरती की महानता है। मुंबई में बेहतरीन ह्यूमन कैपिटल है, इनोवेटिव वेंचर कैपिटल है और मुंबई भारत की मजबूत फाइनेंशल कैपिटल भी है. कांग्रेस और NCP के शासन में मुंबई के विकास से ज्यादा, यहां के infrastructure से ज्यादा मंत्रालय के structure पर फोकस होता था. कौन सा सीएम, कौन सा मिनिस्टर कब बदल जाए और किसकी लॉटरी लग जाए, इसी कयास और प्रयास में इनके 5 साल बीत जाते थे.

ईमानदार और भरोसेमंद सरकार दे रही है विकास को गति  

उन्‍होंने कहा कि आपने महाराष्ट्र में कई भ्रष्ट सरकारों को भी देखा है और अब भरोसेमंद सरकार का भी दौर देख रहे हो. इन भ्रष्ट सरकार के तरीके भी भ्रष्टतम रहे. परियोजनाओं को लटकाकर उनसे पैसा निचोड़ा, मुद्दा बनाकर लोगों को भरमाया. वहीं ईमानदार और भरोसेमंद फडणवीस सरकार महाराष्ट्र के विकास को गति दे रही है ताकि आपलोगों को सुविधाएं जल्द से जल्द मिले. पहले की भ्रष्ट सरकार, भ्रष्टाचारियों के सपने पूरा करने के लिए काम करती थी. नई योजनाओं के नाम पर, किसानों को सिंचाई के नाम पर इन लोगों ने महाराष्ट्र को घोटालों से सींच दिया था. आज आपकी भरोसेमंद सरकार लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए काम करती है. 

16 साल में मेट्रो के सिर्फ 11 किलोमीटर बने 

मुंबई में मेट्रो बनाने का प्रस्ताव 1997 में रखा गया था, लेकिन मुंबई मेट्रो की नींव 2006 में रखी गई. वर्ष 2013-14 तक केवल एक सिंगल लाइन खोली गई, 16 साल में सिर्फ 11 किलोमीटर. मेट्रो नेटवर्क के लिए महायुती की सरकार तेजी से काम कर रही है. महाराष्ट्र की जनता का उत्साह विपक्ष के होश उड़ा रहा है. NCP-कांग्रेस के लिए परिवार का विकास सबसे अहम है, पर भाजपा-शिवसेना के लिए देश का विकास सर्वोपरि है. महाराष्ट्र को तय करना है कि देश के लिए काम करने वाली पार्टियां चाहिए या अपने परिवार को आगे बढ़ाने वाली? 

Previous Post Next Post