केंद्रीय शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को छपरा को स्नेह व संस्कार की भूमि बताते हुए आह्वान किया कि भ्रष्टाचारमुक्त बिहार के लिए वोट दीजिए। 28 अक्टूबर को घर से बाहर निकलिए और कमल का बटन दबाइए। दिल्ली से बिहार तक विकास का सेतु बनेगा, तभी राज्य आगे बढ़ेगा। बिहार के प्रति नरेंद्र मोदी के मन में गहरी श्रद्धा है। यहां उनका बार-बार अपमान किया गया। उनकी थाली छीन ली गई। फिर भी यहां के प्रति उनकी रुचि कम नहीं हुई।
लोस चुनाव में चाय बेचने वाले को भाजपा ने प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाया तो विपक्षी कटाक्ष कर रहे थे, लेकिन बिहारियों ने दिल खोलकर समर्थन दिया और वे पीएम बन गये। मोतिहारी विवि का नामकरण महात्मा गांधी के नाम पर किये जाने को मोदी सरकार की उपलब्धि करार दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र की यूपीए की दस साल की सरकार नामकरण नहीं करने पर अड़ी थी तो लोस चुनाव में भाजपा ने वायदा किया और छह माह के भीतर इस वायदे को पूरा किया।
करीब 20 मिनट के संबोधन में उन्होंने छह बार छपरा के संस्कार की चर्चा की और इसे पुख्ता करने के लिए इतिहास के पन्नों को भी उकेरा। इसी माह 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की पुण्यतिथि हर्षोल्लास से मनाये जाने की चर्चा करते हुए कहा कि पं. नेहरू ने सरदार पटेल के अंतिम संस्कार में कांग्रेसियों को शामिल होने से मना किया था। लेकिन राजेंद्र बाबू ने कहा था अंतिम संस्कार में राजनीति नहीं होनी चाहिए और वे शामिल हुए।
यही है छपरा का संस्कार। उन्होंने छपरा के प्रत्याशी डॉ सीएन गुप्ता को सुशासन व संस्कार का प्रतीक बताया और कहा कि यहां के लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए भी भाजपा ने एक डॉक्टर को टिकट दिया है।