संगीतकार रविंद्र जैन का निधन

मुंबई : प्रसिद्ध संगीतकार रविंद्र जैन का शुक्रवार को मुंबई में निधन हो गया. उन्‍होंने मुंबई के लीलावती अस्‍पताल में अंतिम सांस ली. 71 वर्षीय रविंद्र जैन पिछले कुछ समय से बीमार थे. नागपुर में तबियत बिगड़ने पर उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था. तबियत ज्‍यादा बिगड़ने पर उन्‍हें मुंबई के लीलावती अस्‍पताल में रेफर किया गया था.
संगीतकार के भाई महेंद्र ने बताया कि वह 24 घंटे से ज्‍यादा समय से आईसीयू में थे. वे मूलरूप से उत्‍तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के रहने वाले थे.
मालूम हो कि टीवी सीरियल रामायण में रविंद्र जैन ने ही संगीत दिया था, जिसे काफी सराहा गया था. इसके अलावा उन्‍होंने फिल्‍म चोर मचाए शोर, गीत गाता चल, चितचोर और अंखियो के झरोखो से में संगीत दिया था, जो काफी हिट हुए थे.
जन्‍म से ही अंधे रविंद्र जैन का जन्‍म उत्‍तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था. उनके पिता पंडित इंद्रमणी जैन संस्‍कृत शिक्षक और आयुर्वेद के जानकार थे. उनकी मां किरण जैन घरेलू महिला थी. सात भाई-बहनों में रविंद्र जैन अपने मां-पिता के तीसरी संतान थे.
रविंद्र जैन ने चार साल की आयु से ही संगीत की दुनिया से खुद को जोड़ लिया था. एक साक्षात्‍कार में उन्‍होंने बताया था कि उन्‍हें देश के पांच रेडियो स्टेशनों में ऑडिशन के दौरान नकार दिया गया था.
संगीत की दुनिया में अलग पहचान बनने के बाद रविंद्र जैन को पद्मश्री सम्‍मान से सम्‍मानित किया गया. करियर की शुरुआत में ही 1976 में आई फिल्म 'चितचोर' के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था. इसके बाद 1978 में फिल्म 'अखियों के झरोखों से' के लिए भी सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन और फिल्म के शीर्षक गीत 'अखियों के झरोखों से' के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला.
वर्ष 1985 में फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' में संगीत देने के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक और 1991 में फिल्म 'हिना' के गीत 'मैं हूं खुशरंग हिना' के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला.
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