कुदरत का कहर : पहाड़ियों पर पसरा मातम, भूस्खलन ने लील ली 23 जिंदगियां


पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों में रविवार को आसमान से बरसती आफत ने धरती पर भारी तबाही ला दी है। क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश और उसके कारण हुए भयंकर भूस्खलन ने दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मिरिक और सुखिया पोखरी जैसे इलाकों में हुए इस भीषण भूस्खलन और अन्य बारिश संबंधी दुर्घटनाओं में अबतक 23 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

इस आपदा का सबसे बड़ा असर यातायात और जनजीवन पर पड़ा है। अधिकारियों के अनुसार इस आपदा के चलते सिक्किम राज्य से सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया है जिससे आवाजाही रुक गई है। दार्जिलिंग के मिरिक इलाके में सबसे अधिक नुकसान हुआ है जहाँ रविवार को दुधिया में डुडिया आयरन ब्रिज के टूटने से 23 लोगों की मौत हो गई। दुर्गा पूजा में शामिल होने और शहर घूमने आए सैकड़ों पर्यटक भी दार्जिलिंग और पास के जलपाईगुड़ी ज़िले में फंस गए हैं।

राज्य सरकार युद्ध स्तर पर बचाव कार्य कर रही है ताकि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज (सोमवार) उत्तरी बंगाल का दौरा करेंगी। वह नुकसान का आकलन करते हुए राहत कार्य का निरीक्षण करेंगी और प्रभावितों से मिलेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व में ट्विटर पर पोस्ट कर इस आपदा पर गहरा दुख व्यक्त किया। 

उन्होंने लिखा कि स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और केंद्र सरकार प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। फिलहाल बचाव और राहत दल मलबे में दबे और फंसे हुए लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है।

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