कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर गंभीर आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। वर्ष के पहले प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सीमा पर पुलिस या तृणमूल कार्यकर्ताओं की तैनाती नहीं है, बल्कि बीएसएफ तैनात है, लेकिन वही अनियमित प्रवास में मदद कर रही है।
नवान्न में आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य पुलिस के डीजी राजीव कुमार को निर्देश दिया कि वे इस मुद्दे पर मिले ठोस सबूतों को पेश करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमा पार से अपराधी आकर हत्याएं कर रहे हैं और वापस चले जा रहे हैं। डीजी ने कुछ विशेष जानकारी प्राप्त की है। स्थानीय स्तर पर भी कुछ तथ्य सामने आए हैं। मुझे ये सारी जानकारी विस्तार से दी जाए। मैं इन सबके आधार पर केंद्र सरकार को बड़ा पत्र लिखने जा रही हूं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने इससे पहले भी कई बार केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर अवगत कराया है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की यह टिप्पणी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ज़रिए यह कहे जाने के कुछ सप्ताह बाद आई है कि बांग्लादेश से घुसपैठ’ बंगाल में शांति को बाधित कर रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, लोग बीएसएफ इस्लामपुर, सीताई, चोपड़ा के रास्ते से घुस रहे हैं, हमारे पास खबर है. आप विरोध क्यों नहीं कर रहे हैं? सीमा बीएसएफ के हाथ में है. अगर किसी को लगता है कि वे बंगाल में घुसपैठ कर रहे हैं और तृणमूल को बदनाम कर रहे हैं, तो उन्हें चेतावनी दी जानी चाहिए कि तृणमूल कांग्रेस ये काम नहीं करती है. बीएसएफ के गलत कामों का समर्थन करके तृणमूल को गाली न दें.’
पश्चिम बंगाल में सीमा पार से हो रहे अनियमित प्रवास और इससे जुड़े अपराधों को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लंबे समय से बीएसएफ की भूमिका पर सवाल उठाती रही हैं। उनका मानना है कि बीएसएफ की निगरानी में ही सीमाओं पर अनियमित गतिविधियां हो रही हैं।
वहीं दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी एक बार फिर केंद्र सरकार और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य को अस्थिर करने के उद्देश्य से बीएसएफ आतंकियों को बंगाल में प्रवेश करवा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सीमा की जिम्मेदारी बीएसएफ की है। अगर सीमा पार से आतंकी आ रहे हैं तो यह बीएसएफ की नाकामी है।
सांसद अभिषेक ने गुरुवार को डायमंड हार्बर में ’सेवाश्रय’ परियोजना के उद्घाटन के दौरान पत्रकारों से कहा कि राज्य पुलिस की सतर्कता और सक्रियता के कारण ही आतंकियों को पकड़ा जा सका है। अगर राज्य पुलिस इतनी मुस्तैद न होती तो इन आतंकियों का पता लगाना मुश्किल होता। उन्होंने कहा कि विपक्ष यह आरोप लगा रहा है कि बंगाल आतंकवाद का केंद्र बन गया है। उन्होंने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बंगाल शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास का केंद्र है, न कि आतंकवाद का। जो आतंकी पकड़े जा रहे हैं, वह राज्य पुलिस की तत्परता का परिणाम है।
सांसद बनर्जी ने बांग्लादेश के हालिया हालात का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त के बाद बांग्लादेश में जो अराजकता का माहौल बना, उस पर केंद्र सरकार चुप क्यों है? हिंदुओं को शरण देने की बात कही गई थी, लेकिन अब क्या हो रहा है? उन्होंने सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा में बीएसएफ की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि सीमा की जिम्मेदारी बीएसएफ की है। अगर सीमा पार से आतंकी आ रहे हैं, तो यह बीएसएफ की नाकामी है।
बंगाल में जिहादियों की गिरफ्तारी को लेकर हो रही आलोचना पर अभिषेक ने कहा, राज्य पुलिस सक्रिय न होती, तो ये गिरफ्तारियां संभव नहीं थीं। विपक्ष केवल राजनीति करने के लिए बंगाल को बदनाम कर रहा है।
बुआ और भतीजे के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। केंद्र सरकार और बीएसएफ की तरफ से इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस मुद्दे पर एक बार फिर राज्य और केंद्र सरकार के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है।
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