रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कथित स्वामित्व वाले 8.86 एकड़ के भूखंड को कुर्क किया है. ईडी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और उनके सहयोगियों के खिलाफ धनशोधन जांच के तहत यह कार्रवाई की गई. ईडी ने 30 मार्च को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के 48 वर्षीय नेता सोरेन तथा चार अन्य-- भानु प्रताप प्रसाद, राज कुमार पहान, हिलारियास कच्छप और विनोद सिंह- के खिलाफ यहां विशेष धनशोधन निवारण अधिनियम अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था.
ईडी ने कहा कि अदालत ने बृहस्पतिवार को अभियोजन की इस शिकायत का संज्ञान लिया. ईडी ने अदालत से 8.86 एकड़ के भूखंड को जब्त करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था. जनवरी में ईडी ने यहां सोरेन को इस मामले में उनके सरकारी निवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. उससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में रांची के होटवार की बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में हैं.
धनशोधन की यह जांच जमीन ‘घोटाले' में झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकियों पर आधारित है. सरकारी अधिकारियों समेत कई लोगों के खिलाफ इस ‘घोटाले' का आरोप है. ईडी ने एक बयान में कहा कि इस मामले में मुख्य आरोपी झारखंड के राजस्व विभाग के पूर्व अधिकारी एवं सरकारी रिकॉर्ड संरक्षक प्रसाद हैं. प्रसाद पर आरोप है कि अपने पद का ‘दुरूपयोग करते हुए' उन्होंने सोरेन समेत कई लोगों को अपराध की कमाई करने तथा जमीन पर अवैध कब्जे, अधिग्रहण आदि जैसी गतिविधियों में उनकी मदद की. उसने दावा किया, ‘‘भूमाफिया का एक गिरोह झारखंड में सक्रिय है जो रांची में भू-रिकॉर्ड में जालसाजी करता है.''
उसने कहा कि जांच में पाया गया है कि जमीन के स्वामित्व रिकॉर्ड में भी ‘छेड़छाड़' की गयी ताकि कथित भूमाफिया को फायदा मिले तथा उस जाली भू-रिकॉर्ड के आधार पर ऐसे भूखंडों को अन्य व्यक्तियों को बेचा जाए. ईडी ने कहा, ‘‘ स्वामित्व के असली भू-रिकॉर्ड के साथ या तो छेड़छाड़ की गयी या उन्हें छिपा दिय गया ताकि ऐसी संपत्तियों का अवैध अधिग्रहण, उनपर कब्जा और उनका इस्तेमाल किया जा सके.'' जिस भूखंड को सोरेन द्वारा अधिग्रहीत करने का आरोप है वह करीब 8.86 एकड़ जमीन है और रांची में बरियातू रोड पर बारागैन अंचल में है.
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