Banke Bihari मंदिर की जमीन कब्रिस्तान के नाम पर दर्ज, हाईकोर्ट में तलब किए गए तहसीलदार


उत्तर प्रदेश: यूपी के मथुरा (Mathura) स्थित बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) की जमीन कब्रिस्तान के नाम पर दर्ज होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad HC) गंभीर है. अदालत ने संबंधित तहसीलदार को स्पष्टीकरण के साथ तलब किया है. 

हाईकोर्ट ने तहसीलदार को आगामी 17 अगस्त को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है. तहसीलदार से पूछा गया है कि शाहपुर गांव के प्लॉट 1081 की स्थिति राजस्व अधिकारी द्वारा समय-समय पर क्यों बदली गई? बता दें कि श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट की तरफ से याचिका दाखिल की गई है.

याचिकाकर्ता के अनुसार प्राचीन काल से गाटा संख्या 1081 बांके बिहारी महाराज के नाम से दर्ज था. भोला खान पठान ने राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से 2004 में उक्त भूमि को कब्रिस्तान के नाम पर दर्ज करा लिया. 

श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट की तरफ से आपत्ति जताई गई. फिर ये मामला वक्फ बोर्ड में गया तो 7 सदस्यीय टीम ने जांच की. वक्फ बोर्ड की तरफ से 7 सदस्यीय कमेटी की जांच में पाया गया कि मंदिर ट्रस्ट की जमीन को गलत तरीके से कब्रिस्तान के नाम दर्ज किया गया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा की छाता तहसील के तहसीलदार को ये बताने का निर्देश दिया है कि बांके बिहारी जी महाराज मंदिर के नाम दर्ज जमीन 2004 में कैसे कब्रिस्तान के नाम पर दर्ज हो गई. जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट की तरफ से दायर एक याचिका पर ये आदेश पारित किया.

हाईकोर्ट ने बीते गुरुवार को अपने आदेश में कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए तहसीलदार को खुद उपस्थित होकर छाता तहसील के शाहपुर गांव में भूखंड संख्या 1081 पर उपलब्ध प्रविष्टियां बदलने के लिए राजस्व अधिकारियों की तरफ से समय समय पर जो भी कार्यवाही की गई है, उसका उल्लेख करने का निर्देश दिया जाता है.

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