उन्होंने पोस्ट में शेयर किए गए पोस्टरों को लेकर लिखा है, मैंने व्यक्तिगत रूप से इसकी पुष्टि नहीं की है और न ही करूंगा, लेकिन मेरे पास इन फिल्मों के पोस्टरों की बाढ़ आ गई है। कलाकार पवन जी के खिलाफ कुछ भी नहीं है, लेकिन अगर ये पोस्टर सच हैं तो यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि बंगाल के लिए और विशेष रूप से बंगाल की महिलाओं का किस तरह का सम्मान है। निश्चित रूप से माननीय पीएम सर भी पोलो ग्राउंड में उनके लिए प्रचार करने आएंगे। बाबुल सुप्रियो आसनसोल संसदीय सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं। बीजेपी के टिकट पर उन्होंने पहली बार 2014 में चुनाव जीता, जबकि दूसरी बार 2019 में वह विजयी रहे। हालांकि बीच में उन्होंने टीएमसी जॉइन कर ली, जिसके बाद हुए उपचुनाव में टीएमसी के शत्रुघ्न सिन्हा यहां से विजयी रहे।
पवन सिंह को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से टिकट मिलने के बाद मौजूदा सांसद और टीएमसी नेता शत्रुघ्न सिन्हा भी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि यह उनकी पार्टी (भाजपा) का आंतरिक मामला है। इस मामले में वही लोग ज्यादा रोशनी डाल पाएंगे। मेरे दिल में सभी के लिए शुभकामनाएं और आशीष है। यहां आसनसोल में कई लोगों का ये भी मानना है कि उन लोगों (बीजेपी) ने जिस तरह से नामों की घोषणा की है और जिन-जिन नामों का ऐलान किया है उनमें बहुत से नाम ऐसे हैं जिससे लगता है कि बीजेपी सिर्फ अपना ही हित नहीं सोच रही, बल्कि अपने साथ-साथ शायद वह विपक्ष का भी और टीएमसी का भी हित सोच रहे हैं। मैं उन्हें इस सोच के लिए बधाई देता हूं।
पवन सिंह के पोस्ट के बाद टीएमसी ने उनपर हमला बोला है। पवन के पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने उन पर कटाक्ष किया है। अभिषेक ने कहा, ये पश्चिम बंगाल के लोगों की अदम्य भावना और शक्ति।
इससे पहले शनिवार को पवन सिंह ने भाजपा द्वारा आसनसोल से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद खुशी जाहिर की थी। पवन ने पोस्ट करते हुए आलाकमान को धन्यवाद भी दिया था। उन्होंने कहा था कि मुझे उम्मीदवार बनाने के लिए वो राष्ट्रीय नेतृत्व का वंदन, चंदन और अभिनंदन करते हैं।
आसनसोल में बड़ी संख्या में अन्य राज्यों से आए लोग रहते हैं और भाजपा को उम्मीद थी कि सिंह, सिन्हा के खिलाफ प्रभावी उम्मीदवार साबित होंगे। सिन्हा ने 2019 में भाजपा छोड़ दी थी।
स्पष्ट रूप से, भाजपा ने सिंह की उम्मीदवारी को लेकर ऐसे समय में विवाद खड़ा होने के मद्देनजर उन्हें उम्मीदवारी छोड़ने के लिए राजी किया जब पार्टी संदेशखालि विवाद को लेकर तृणमूल पर निशाना साध रही है। संदेशखालि में कई महिलाओं ने निलंबित तृणमूल नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न एवं जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। शेख और उसके कई साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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