झारखंड: माकपा नेता सुभाष मुंडा हत्याकांड (Subhash Munda Murder Case) में पुलिस ने लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी बबलू पासवान (Bablu Paswan) को उड़ीसा से गिरफ्तार कर लिया है. इस हत्या को अंजाम देने के लिए बबलू को सुपारी दी गई थी. इस मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
पूछताछ में बड़े खुलासे संभव
पुलिस अब सबसे एक साथ पूछताछ करने की तैयारी में है. गत 26 जुलाई की रात बाइक सवार अपराधियों ने सुभाष मुंडा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्याकांड (Murder Case) के पीछे जमीन विवाद का मामला सामने आया था. इसके बाद से रांची पुलिस सतर्क है और जमीन कारोबारियों पर कड़ी नजर रख रही है. संभावना है कि इस जमीन विवाद में कई और लोगों के नाम सामने आ सकते हैं, पूछताछ के दौरान कई खुलासे संभव हैं.
एसएसपी किशोर कौशल ने बताया था कि माकपा नेता सुभाष मुंडा का छोटू खलखो के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. दलदली मौजा स्थित 119 डिसमिल जमीन पर सुभाष मुंडा अपनी दावेदारी पेश कर रहा था. इससे पहले भी 90 डिसमिल के प्लॉट पर सुभाष ने अड़ंगा डाला था, जिसके बाद छोटू को उसे औने-पौने दाम में बेचना पड़ा था.
ऐसे रची हत्या की पूरी साजिश
छोटू ने सुभाष मुंडा के व्यवसाय पार्टनर विनोद कुमार से दोस्ती बढ़ाई और विवादित जमीन में आधी हिस्सेदारी का प्रलोभन दिया. जिसके बाद विनोद ने अपने पार्टनर सुभाष की हर गतिविधि की जानकारी छोटू को देना शुरू किया. इसके बाद छोटू ने कुख्यात अपराधी बबलू पासवान से संपर्क किया.
बबलू से 15 लाख नगद और 10 डिसमिल जमीन देने की बात पर सुभाष की हत्या का सौदा तय हुआ. उसे 4 लाख नगद और 6 डिसमिल जमीन एडवांस के तौर पर दिए गए. जिसके बाद 26 जुलाई को बबलू ने दो शूटर भेजकर दलादली चौक पर सुभाष मुंडा की हत्या करा दी.
सुभाष मुंडा की हत्या के बाद घटना में प्रयुक्त हथियार कांड के सूत्रधार छोटू को शूटर ने वापस कर दिया था. छोटू को पुलिस से पकड़े जाने का डर था. यही वजह है कि वह हथियार अपने कार में छुपाकर भागने का प्रयास कर रहा था. हालांकि इस बात की जानकारी पुलिस को भी मिल गई थी जिसके बाद रिंग रोड में उसे पकड़ लिया गया.
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