इसके अलावा शांति बनाए रखने के उद्देश्य से औरंगाबाद में भी ये धारा 37(3) लगाई गई है. मराठा समाज के प्रदर्शनकारी जालना लाठीचार्ज के लिए डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफ़े की मांग कर रहे हैं. इस बीच कल मराठा आंदोलनकारियों और सरकार के बीच बातचीत बेनतीजा रही. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री गिरीश महाजन ने मनोज जारंगे से मुलाक़ात कर आंदोलन वापस लेने की अपील की थी.
दरअसल, ओबीसी(OBC) आरक्षण की मांग कर रहे मराठा समाज ने जालना लाठीचार्ज से बाद प्रदर्शन तेज कर दिया है. मराठा समाज की लंबे समय से मांग रही है कि आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन की वजह से समाज को आरक्षण की जरूरत है. मराठा आरक्षण की माग सबसे पहले साल 2004 में विलासराव देशमुख सरकार के वक्त सामने आई थी, जिसके बाद मौजूदा कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने नारायण राणे की अध्यक्ष में कमिटी का गठन किया था.
राणे कमिटी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राज्य के 5.5 लाख परिवारों और करीब 18 लाख मराठा समाज के लोगों का सर्वे किया गया, जिसके बाद आरक्षण दिया गया. लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस आरक्षण पर रोक लगा दी.
Post a Comment