No Confidence Motion: गौरव गोगोई ने कहा, PM का मौन व्रत तोड़ने को लाया गया अविश्वास प्रस्ताव


नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र में लोकसभा में मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई. इस दौरान विपक्ष की तरफ से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने संसद में बहस की शुरुआत करते हुए मोर्चा संभाला और केंद्र सरकार को घेरना शुरू किया.

गौरव गोगोई ने बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि पीएम ने संसद में ना बोलने का मौन व्रत ले रखा है. पीएम मोदी की चुप्पी तोड़ने के लिए ही हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा.

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करते हुए कहा, "हम अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर हैं. यह कभी भी संख्या के बारे में नहीं था, बल्कि मणिपुर के लिए न्याय के बारे में था. मैं प्रस्ताव पेश करता हूं कि यह सदन सरकार में अविश्वास व्यक्त करता है. I.N.D.I.A. मणिपुर के लिए यह प्रस्ताव लाया है. मणिपुर न्याय चाहता है." 

पीएम मोदी से पूछे 3 सवाल

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में न बोलने का मौन व्रत ले लिया है. इसलिए उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा. 

हमारे पास उनके लिए तीन सवाल हैं - 1. वे आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए?, 2. आखिरकार मणिपुर पर बोलने में लगभग 80 दिन क्यों लग गए और जब वे बोले तो सिर्फ 30 सेकंड के लिए?, 3. प्रधानमंत्री ने अब तक मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया?

गोगोई ने पीएम मोदी को घेरते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार, मणिपुर में विफल हो गई है. इसीलिए मणिपुर में 150 लोगों की मृत्यु हुई, लगभग 5000 घर जला दिए गए, लगभग 60,000 लोग राहत शिविरों में हैं और लगभग 6500 FIR दर्ज हुए हैं. 

राज्य के CM, जिन्हें बातचीत का, शांति और सद्भाव का माहौल बनाना चाहिए था, उन्होंने पिछले 2-3 दिनों में भड़काऊ कदम उठाए हैं जिससे समाज में तनाव पैदा हो गया है.

बता दें कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर संसद के निचले सदन में मंगलवार और बुधवार यानी 8 और 9 अगस्त को बहस होनी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को जवाब देंगे.

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