दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार के लिए आज का दिन निर्णायक साबित हो सकता है. इसका कारण है कि आज लोकसभा (Lok Sabha) में ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़ा बिल पेश होगा. वहीं दूसरी ओर आज ही विपक्षी गठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A) की परीक्षा का दिन भी साबित हो सकता है.
हालांकि, लोकसभा में एनडीए (NDA) के पास बहुमत है तो वहां आसानी से बिल पास हो सकता है. पर देखना होगा कि विपक्ष एकजुट होकर राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल (Delhi Services Bill) को पास होने से रोक पाता है या नहीं. इस खबर में ये भी जानिए कि अगर दिल्ली सेवा बिल पास हो जाता है तो उससे क्या-क्या बदलाव आएंगे.
इस अध्यादेश पर दिल्ली की केजरीवाल सरकार बीते एक अरसे से विरोध कर रही है. देश के सर्वोच्च अदालत के बाद ये अध्यादेश सबसे बड़ी पंचायत यानी संसद में है और इस बिल के खिलाफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल देशभर के विपक्षी संगठनों से मुलाकात कर इसी बिल को चुनौती देने के लिए समर्थन की मांग कर रहे थे.
ऐसे में ये भी माना जा रहा है कि अगर आज केंद्र सरकार ने लोकसभा में यह बिल पेश किया तो 'I.N.D.I.A' गठबंधन के लिए ये एक लिटमस टेस्ट साबित हो जाएगा. हालांकि आम आदमी पार्टी की पूरी शिद्दत के साथ इस बिल को पारित होने से रोकने की कोशिश करेगी.
सांसद राघव चड्ढा ने साधा निशाना
आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि ये लड़ाई सत्य बनाम असत्य की है. बुराई बीजेपी के खेमे में है. ब्रह्मांड की सारी शक्तियां हमारे साथ हैं. हम इसको रोक पाएंगे. मैं तो बीजेपी के कई सांसदों को कहूंगा कि सत्य का साथ दीजिए.
बिल पास होने से होने वाले बदलाव?
जान लें कि दिल्ली सेवा बिल गृह मंत्री अमित शाह संसद में पेश कर सकते हैं. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन अध्यादेश 19 मई को जारी किया था. पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस बिल को मंजूरी दे दी गई है.
इस अध्यादेश में कहा गया कि राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्रधिकरण नाम का एक प्राधिकरण होगा. जो उसे दी गईं शक्तियों का इस्तेमाल करेगा और उसे सौंपी गईं जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा.
गौरतलब है कि लोकसभा में इस बिल को पास कराने में मोदी सरकार को कोई परेशानी दिखाई नहीं दे रही है क्योंकि सरकार के पास बहुमत है. लेकिन सरकार की भी परीक्षा राज्यसभा में होगी और सीएम केजरीवाल भी राज्यसभा में अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. लिहाजा आम आदमी पार्टी के नेता विपक्षी सांसदों की मदद से राज्यसभा में इसे रोकने की कोशिश में हैं.
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