एहतियात : पश्चिम बंगाल में चक्रवात 'मोचा' से मुकाबले के इंतजाम तेज


बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दाब की वजह से तैयार हो रहे चक्रवात 'मोचा' से निपटने की तैयारियां कोलकाता समेत अन्य हिस्सों में तेज हो गई हैं. मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि 'मोचा' 10 मई से 11 मई के बीच तटीय क्षेत्रों में पहुंच सकता है.

इसके प्रभाव से पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों राजधानी कोलकाता के साथ ही हावड़ा, हुगली, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना तथा पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर में रुक-रुक बारिश हो रही है. आज भी कोलकाता के आसमान में बादल छाए हुए हैं.

विभाग चेतावनी दे चुका है कि 'मोचा' के प्रभाव से 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है. बिजली कड़कने के साथ ही बारिश होगी. इस दौरान जानमाल के नुकसान की आशंका है. विभाग ने राज्य सरकार को आगाह भी किया है.

राजधानी कोलकाता और सॉल्टलेक में ऐसे पेड़ों को चिह्नित किया गया है जो खतरनाक स्थिति में हैं. कोलकाता से सटे बिधाननगर इलाके में 80 पेड़ों को चिह्नित किया गया है. इनकी शाखायें कमजोर हैं। इनकी छंटाई की जा रही है.

सॉल्टलेक की मिट्टी बलुआ है. इस वजह से पेड़ों के गिरने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है. इस इलाके में भी लगातार पेड़ों की छंटाई हो रही है. कोलकाता में ऐसे पेड़ों को काटा जा रहा है जिनके गिरने की संभावना है. उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर में भी तटीय क्षेत्र के निवासियों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है. मौसम विज्ञान विभाग आगाह कर चुका है कि बारिश के बीच लोग बेवजह घरों से बाहर न निकलें.

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