भारत और अमेरिका के रिश्तों को रणनीतिक साझेदारी का दर्जा मिलने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल में अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति के साथ व्यक्तिगत केमिस्ट्री बनाने की कोशिश करेंगे। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद मोदी ने सबसे पहले राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मिल कर भारत व अमेरिकी रिश्तों को गहराई देने की जो कोशिश शुरू की थी, वह पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में नई ऊंचाई पर पहुंची थी। उक्त दोनों के साथ मोदी के व्यक्तिगत संबंध भी बने थे जिसका असर साफ तौर पर द्विपक्षीय रिश्तों पर भी दिखी देता है। विदेश मंत्रालय के अधिकारी मानते हैं कि मोदी और बाइडन के बीच होने वाली मुलाकात के बाद दोनों नेताओं के बीच एक अलग केमिस्ट्री बनना संभव है।
अधिकारी बताते हैं कि विदेशी नेताओं के साथ एक खास तरह का केमिस्ट्री विकसित कर द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाना पीएम मोदी की कूटनीति का एक अहम हिस्सा हो गया है। जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे, पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप से लेकर आस्ट्रेलिया के पीएम स्काट मॉरीसन के साथ मोदी के रिश्तों में व्यक्तिगत केमिस्ट्री अहम रही है। बाइडन और मोदी एक दूसरे को बखूबी जानते हैं और इसकी झलक इनके कार्यकारी संबंधों में साफ दिखाई दे रहा है।
मोदी के बतौर पीएम पहले अमेरिका यात्रा के दौरान बाइडन ने उनके सम्मान में रात्रि भोज दिया था। जनवरी, 2021 के बाद से भी दोनो के बीच तीन बार टेलीफोन पर बातचीत हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के कार्यालय की तरफ से मंगलवार को अलग अलग प्रेस कांफ्रेंस करके यह साफ तौर पर संकेत दिया गया कि उक्त दोनो नेताओं ने पीएम मोदी की आगवानी की ना सिर्फ जबरदस्त तैयारी की है, बल्कि द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर महत्वपूर्ण एजेंडा भी तैयार कर रखा है।
राष्ट्रपति बाइडन और उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ मुलाकात में पीएम मोदी ने इन दोनों नेताओं को भारत यात्राओं के लिए आमंत्रित करेंगे और संभवतः इन दोनों नेताओं की भारत का दौरा बहुत जल्द हो सकता है। पीएम मोदी ने वर्ष 20214 के बाद 24 सितंबर, 2021 से शुरू हो रही यह सातवीं यात्रा होगी। इस दौरान वर्ष 2015 में ओबामा ने और वर्ष 2020 में ट्रंप ने बतौर राष्ट्रपति भारत का दौरा किया।
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