जगन्नाथ धाम पुरी के अलावा ओडिशा में और कहीं भी रथयात्रा नहीं निकाली जाएगी। ओडिशा में अन्य जगहों पर रथयात्रा आयोजन के लिए दायर की गई एकाधिक याचिका को आज सुप्रीमकोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीमकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एन.वी.रमन्ना की अध्यक्षता में गठित खंडपीठ ने उक्त आवेदन को खारिज किया है। इस संबंध में राय घोषित करते हुए जस्टिस रमन्ना ने कहा है कि, ऐसा करना मुझे अच्छा तो नहीं लग रहा है, मगर हम लाचार हैं। अगले साल भगवान जगन्नाथ जी रथयात्रा के लिए अनुमति देंगे, मुझे उम्मीद है।
यहां उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए ओडिशा सरकार ने पिछले साल की ही तरह इस साल भी पुरी के अलावा अन्य कहीं भी रथयात्रा के आयोजन की अनुमति नहीं दी है। सरकार के निर्णय का विभिन्न जगहों पर विरोध हुआ और फिर मामला ओडिशा हाईकोर्ट में पहुंचा। मामला खारिज हो जाने के बाद आवेदनकारियों ने हाईकोर्ट की राय को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी थी। केन्द्रापड़ा, बारीपदा नीलगिरी एवं भटली आदि जगहों पर रथयात्रा आयोजन के लिए अनुमति देने हेतु सुप्रीमकोर्ट में एकाधिक मामले दायर किए गए थे, जिसे अब सर्वोच्च न्यायालय ने भी खारिज कर दिया है।
पुरी में बिन भक्तों के निकलेगी रथयात्रा, धारा 144 रहेगी लागू
ओडिशा में केवल जगन्नाथ धाम पुरी में रथयात्रा के लिए अनुमति दी गई है, मगर यहां भी कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। पिछले साल की तरह इस साल भी पुरी में बिना भक्तों के रथयात्रा होगी। सेवकों का एकाधिक बार कोविड टेस्ट किया जा रहा है। रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही रथयात्रा में शामिल होने की अनुमति दी गई है। उसी तरह से रथयात्रा के समय पुरी शहर में 144 धारा जारी की जाएगी। बाहर से किसी भी भक्त को जाने की अनुमति नहीं दी गई है। यहां तक कि पुरी के लोग भी इस रथयात्रा में शामिल नहीं हो पाएंगे। बड़दांड के दोनों तरफ मौजूद घर, धर्मशाला, होटल आदि के छत पर रहकर भी कोई रथयात्रा को नहीं देख पाएगा। रथयात्रा के दिन पहले ही बड़दांड में मौजूद होटल एवं लाज को खाली करने के निर्देश दिए गए हैं।
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