हाल में संपन्न बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का खेला होबे (खेला होगा) का नारा खूब गूंजा और यह काफी लोकप्रिय हुआ था।इसमें कोई शक नहीं है कि इस चुनावी नारे ने टीएमसी के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया। वहीं, प्रचंड जीत के बाद अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों के बीच लोकप्रिय हुए इस नारे के नाम पर राज्य में हर साल 'खेला होबे' दिवस मनाने की घोषणा कर दी है। मंगलवार को विधानसभा में ममता ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि राज्य के लोगों ने खेला होबे को काफी सराहा और स्वीकार किया है, इसलिए अब बंगाल में खेला होबे दिवस मनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फुटबाल के लिए मशहूर बंगाल में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में इस दिन को मनाने का फैसला किया गया है। गौरतलब है कि टीएमसी और खासकर ममता बनर्जी ने इस नारे का चुनावी रैलियों में जमकर इस्तेमाल किया था।उनका निशाना सीधे तौर पर भाजपा की ओर था। यह नारा देखते ही देखते इतना लोकप्रिय हो गया कि बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर किसी की जुबान पर आ गया। इतना ही भाजपा के भी कई बड़े नेताओं ने मंच से अपने चुनावी भाषण में 'खेला होबे' जुमले का इस्तेमाल किया था।
चुनाव के दौरान भाजपा और टीएमसी के बीच 'खेला होबे' चुनावी जुमले की काफी धूम देखने को मिली थी। इतना ही नहीं, बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत से गदगद टीएमसी की अब नज़र त्रिपुरा में हैं। टीएमसी ने जिस खेला होबे नारे की तर्ज पर बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ा था वही खेला होबे नारा अब त्रिपुरा में भी पिछले महीने जारी किया। त्रिपुरा में गाने का नाम है 'खेला होबे त्रिपुराय' जिसका अर्थ हैं त्रिपुरा में खेला होगा।
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