संसद का मानसून सत्र सोमवार यानी 19 जुलाई से शुरू होने जा रहा है, जो 13 अगस्त तक चलेगा। इस बार सरकार का फोकस ज्यादा से ज्यादा कामकाज करने पर होगा। इससे पहले रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में एक सर्वदलीय बैठक हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, सरकार विभिन्न मुद्दों पर संसद में स्वस्थ, सार्थक चर्चा के लिए तैयार है। इस बैठक में 33 राजनीतिक दलों के 40 से अधिक नेताओं ने हिस्सा लिया
31 विधेयकों पर विचार की संभावना
मानसून सत्र में सरकार द्वारा वित्त से संबंधित दो सहित 31 विधेयकों पर विचार किए जाने की संभावना है। इसमें छह अध्यादेश हैं। बता दें कि अध्यादेश की अवधि केवल छह महीने की ही होती है, ऐसे में सरकार को इन्हें पारित करना सबसे जरूरी है। इन अध्यादेशों में एक दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता को बेहतर रखने के लिए गठित आयोग से जुड़ा है। एक अध्यादेश आवश्यक रक्षा सेवाओं से जुड़े लोगों के आंदोलन या हड़ताल करने पर रोक से संबंधित है।
सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष
मानसून सत्र को लेकर कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दल सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। विपक्ष कोरोना की दूसरी लहर के कुप्रबंधन, वैक्सीन की कमी, पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस की कीमतों में वृद्धि और कृषि कानून विरोधी आंदोलन जैसे मुद्दों को संसद में उठाएी। इसके अलावा सत्ता पक्ष भी बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याओं और उत्तर प्रदेश में सामने आए मतांतरण जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग कर सकता है।
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