पश्चिम बंगालम में भाजपा नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने पार्टी विधायकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल जगदीप धनखड़ से सोमवार को कोलकाता में राजभवन में मुलाकात की और उन्हें बंगाल में हो रही कई अनुचित घटनाओं से अवगत कराया और अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर बात की। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी सहित प्रतिपक्ष के 50 विधायकों ने मुझे एक ज्ञापन दिया है और उस ज्ञापन में उन्होंने पश्चिम बंगाल की भयावह स्थिति का वर्णन किया है और प्रमुख रूप से चार बातों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। पश्चिम बंगाल में पिछले 10 साल में दल-बदल कानून के तहत कोई कारगर कार्रवाई नहीं हुई। तिलजला और चंदन नगर की घटनाएं, दो सांसदों, विधायकों के साथ क्या हुआ? ये अराजकता है। 17 मई के दिन भारत का संविधान कलंकित हुआ, मेगा करप्शन के अंदर जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया गया, सीबीआइ उन्हें अपने दफ्तर ले गई। मुख्यमंत्री वहां छह घंटे तक रहीं, वहां उन्होंने कहा कि उन्हें छोड़ो वरना मुझे गिरफ्तार करो। मेरा सिर उस दिन शर्म से झुक गया।
इधर, बंगाल के हुगली जिले के धनियाखाली विधानसभा क्षेत्र में चुनाव बाद हुई हिंसा के डर से गांव छोड़कर चले गए भाजपा कार्यकर्ताओं की घर वापसी की प्रक्रिया कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश के बाद रविवार को शुरू हो गई। रविवार दोपहर धनियाखाली एवं गुराप थाना क्षेत्र के 50 से 60 भाजपा कार्यकर्ताओं को स्थानीय प्रशासन की मदद से वापस घर पहुंचाया गया। गौरतलब है कि भाजपा नेता व अधिवक्ता प्रियंका टिबरेवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए पिछले दिनों हाई कोर्ट ने हिंसा के डर से चले गए भाजपा कार्यकर्ताओं की घर वापसी सुनिश्चित करने का प्रशासन को निर्देश दिया था। ऐसे 130 भाजपा कार्यकर्ताओं को वापस लाने की व्यवस्था की गई है। टिबरेवाल ने बताया कि इनके अलावा और भी जो लोग अभी घर छोड़कर बाहर रह रहे हैं, उनके स्वजन स्थानीय भाजपा मंडल में उनका नाम एवं पता लिखाएं। कोर्ट के निर्देश पर हुगली जिला पुलिस उन्हें भी घर लौटाने की व्यवस्था करेगी। साथ ही, आरोप लगाया कि अब भी बंगाल के कई क्षेत्रों में सत्ताधारी पार्टी के लोगों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले किए जा रहे हैं।