अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यदि भारत कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाता है तो वो सीमाओं के पार जाकर एक गेम चेंजर की भूमिका निभा सकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि राष्ट्रपति ने कहा है कि ये हमारे लिए भी बेहद जरूरी है क्योंकि भारत कोरोना महामारी से काफी प्रभावित हुआ है। भारत में कोई भी ऐसा नहीं बचा है जिसको इस महामारी ने अपनी चपेट में न लिया हो। इसलिए ही हम चाहते हैं कि भारत हर हाल में वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाए। राष्ट्रपति बाइडन ने अपने एक बयान में कहा कि वो अपने हर संबोधन में इस बात का जिक्र करते हैं।
प्रवक्ता के मुताबिक राष्ट्रपति बाइडन ने कहा है कि भारत में वो क्षमता मौजूद है कि वो वैक्सीन उत्पादन की क्षमता को बढ़ा सके और गेम चेंजर बन सके। इस बयान के दौरान उन्होंने क्वाड की बैठक में जो बातें कही गई थीं उनका भी जिक्र किया है। गौरतलब है कि क्वाड की बैठक में अमेरिका समेत अन्य सदस्य देश इस बात पर एकमत थे कि भारत को वेक्सीन के उत्पादन में तेजी लानी चाहिए। इस बैठन में भारत को वैक्सीन उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने के लिए वित्तीय मदद तक की बात कही गई थी।
इस बैठक में आस्ट्रेलिया भारत, जापान और अमेरिका ने हिस्सा लिया था। इसमें ये भी तय हुआ था कि सभी देश वैक्सीन उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने के लिए भारत की मदद करेंगे। इसके लिए अमेरिका ने लंबे समय के लिए 50 करोड़ डॉलर की राशि का सहयोग करने की भी बात कही थी। इसके अलावा इस बैठक में इस मदद के अलावा 10 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त राशि देने की भी बात कही गई थी।
आपको बता दें कि पूरा बाइडन प्रशासन इसको लेकर काफी गंभीर है। प्राइस के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इस बात को कह चुके हैं कि अमेरिकी सरकार समेत प्राइवेट सेक्टर भी इसमें भारत को सपोर्ट करने के लिए राजी है और भारत की जरूरत के हिसाब से 50 करोड़ डॉलर की राशि की मदद को तैयार है। गुरुवार को बाइडन प्रशासन ने कहा था कि वो दुनिया के विभिन्न देशों में ढाई करोड़ कोरोना वैक्सीन की खुराक उपलब्ध करवाएगा, जिसमें भारत भी शामिल है। इसके अलावा करीब साढ़े 5 करोड़ वैक्सीन की खुराक को इस महीने के अंत तक उपलब्ध करवा दिया जाएगा।
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