कोरोना की दूसरी लहर का प्रकाेप कुछ इस कदर बढ़ा है कि श्मशान घाटों में रोंगटे खड़े करने वाली तस्वीरें देखने को मिल रही हैं। कोलकाता के श्मशान घाटों में रोजाना सैकड़ों शव आ रहे हैं जिस कारण श्मशान घाटों की व्यवस्था भी अब चरमराती हुई नजर आ रही है। हालत ऐसी हो गई है कि अब उत्तर कोलकाता के निमतल्ला श्मशान घाट में सभी चूल्ही का इस्तेमाल केवल कोरोना मृतकों के लिए करने को कहा गया है। सामान्य शवों को यहां अंतिम संस्कार करने पर 48 घंटे तक की रोक है।
निमतल्ला में अब तक छह चूल्ही का इस्तेमाल सामान्य शवों के लिए किया जा रहा था जबकि चार चूल्ही का इस्तेमाल कोविड मृतकों के संस्कार के लिए किया जाता था। हालांकि अब कोलकाता नगर निगम की ओर से निर्णय लिया गया है कि निमतल्ला में सभी 10 चूल्ही का इस्तेमाल कोविड मृतकों के संस्कार के लिए किया जायेगा। वहीं अब सामान्य शवों का अंतिम संस्कार काशी मित्रा घाट में किया जायेगा। इस तरह के शव दूसरे घाटों पर ले जाने को कहा गया है।
सूत्रों का कहना है कि पिछले दो दिनों में ही सैकड़ों शवों की कतार लग जा रही है। अकेले निमतल्ला श्मशान घाट में पिछले दो दिनों में लगभग 120 कोविड मृतकों के शवों की कतार लग गई। कुछ ऐसा ही हाल धापा का भी है जहां गत दो दिनों में लगभग 60 से 70 शवों की कतार लग गई है। धापा में कोरोना मृतकों के संस्कार के लिए चार चूल्ही का इस्तेमाल किया जाता है।
यहां हम बताते चलें कि एक चूल्ही में कोरोना के अधिकतम 20 शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। ऐसे में निमतल्ला में कुल 10 चूल्ही में लगभग 200 शवों का संस्कार एक दिन में किया जा सकता है।
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