Corona in Bengal: लोग दवाएं कर रहे स्टॉक, जरूरी दवाइयों की किल्लत, बाजार से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिलने में भी आ रही दिक्कत

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में कई समस्याएं बढ़ी हैं। देखा जा रहा है कि अस्पतालों में आइसीयू और ऑक्सीजन बेड की कमी नजर आ रही थी। अब एक समस्या और हो रही है कि मरीजों को जरूरी दवाईयां भी समय पर नहीं मिल पा रही हैं। अस्पतालों में जगह नहीं मिलने से बड़ी संख्या में कोरोना वायरस के मरीज होम आइसोलेट हैं। ऐसे में घर पर रहते हुए जांच व उपचार के लिए आवश्यक पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे उपकरण भी इन दिनों बाजार में ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। कुछ जरूरी दवाइयों की किल्लत भी दवा विक्रेताओं के लिए सिरदर्द सी बन गई है। ऑक्सीजन के लिए भी लोग इधर-उधर दौड़ भाग करते नजर आ रहे हैं।

दवा विक्रेताओं का कहना है कि आम लोगों में कोरोना वायरस को लेकर काफी भय है। हालांकि जरूरी दवाओं के स्टॉक लोग घरों में क्यों कर रहे हैं, यह समझ से परे है। आलम यह है कि थर्मामीटर तक जल्दी मिलना कई जगहों पर मुश्किल हो रहा है। कुछ दवा विक्रेता प्रोजेक्ट ब्रिथ के माध्यम से कुछ स्वयंसेवी संगठनों के साथ मिलकर एक फोन पर आवश्यक मरीजों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध करवा रहे हैं। इसके लिए काफी मांग बढ़ी है।

एक दवा विक्रेता ने कहा कि हाल के दिनों में हैंड सैनिटाइजर, मास्क की मांग पिछले साल की अपेक्षा कम नजर आ रही है। देखा जा रहा है कि दवाओं की बिक्री बढ़ी है। जरूरत है कि लोग बचाव के साधन अधिक रखें, हालांकि दवाएं लोग स्टॉक करके रख रहे हैं।

देखा जा रहा है कि बाजार में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी नदारद है। यह मशीन सामान्य हवा से ही ऑक्सीजन को पृथक करने में कारगर है। इसका उपयोग कोरोना संक्रमित मरीज का ऑक्सीजन लेवल कम होने पर घर में उपयोग करने के लिए किया जाता है। हालांकि अचानक यह मशीन बाजार में कम ही उपलब्ध है। कोरोना वायरस के मरीज का ऑक्सीजन लेवल जांचने के लिए जरुरी है पल्स ऑक्सीमीटर। देखा जाता था कि पहले आठ सौ से नौ सौ रुपए में यह आसानी से मिलता था। हालांकि फिलहाल यह बाजार से गायब सा नजर आ रहा है। आलम यह है कि लोगों को काफी ढूंढने पर ही बमुश्किल यह मिल पा रहा है। वहीं लोगों का कहना है कि दुकानदार इसकी कीमत दो से ढाई हजार रुपए के बीच ले रहे हैं। 


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