भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें काफी समय पहले ही बंद हो गई थीं। हालांकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अपनी एक रैली में उनका जिक्र करते हुए इन अटकलों को फिर हवा दे दी। पश्चिम बंगाल के सबांग में एक रैली को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि सौरव गांगुली बड़ा तेज छक्का मारते हैं।
'सौरव गांगुली की तरह बीजेपी भी मारेगी छक्का'
राजनाथ ने कहा, 'सौरव गांगुली का सिक्सर देखा है न...बड़ा तेज छक्का मारते हैं। उनका सिक्सर और चौका इतना मशहूर क्यों था? क्योंकि जब गांगुली क्रीज पार कर बाहर आते थे तो ये मान लिया जाता था कि गांगुली अब सिक्सर मारेंगे। लोकसभा चुनाव में हम (बीजेपी) भी क्रीज़ पार कर बाहर आ चुके हैं और अब विधानसभा चुनाव में सिक्सर मारेंगे।'पश्चिम बंगाल में आज तीन चुनावी जनसभाओं को सम्बोधित किया है। यहाँ जनता तृणमूल कांग्रेस के कुशासन और भ्रष्टाचार से त्रस्त है। इस बार के विधानसभा चुनावों में जनता ने परिवर्तन का मन बना लिया है। आने वाली २ मई को पश्चिम बंगाल में ‘असोल परिबर्तन’ होने जा रहा है। @BJP4Bengal pic.twitter.com/DROV4825P5
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 16, 2021
गांगुली के बीजेपी में जाने की अटकलों को मिलती रही है हवा
उनके इस बयान को बीजेपी से बढ़ती सौरव गांगुली की नजदीकी के तौर पर भी देखा जा रहा है। हालांकि बीजेपी की ओर से ममता के मुकाबले 'बड़ा बंगाली चेहरा' कौन होगा, इसको लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। ऐसे चेहरों में पूर्व क्रिकेटर और बीसीसीआई के अध्यक्ष
सौरव गांगुली का नाम कई बार सामने आता रहा है। हालांकि बीजेपी और खुद सौरव ने कभी इन अटकलों पर खुलकर कुछ नहीं बोला है। राजनाथ के बयान में गांगुली के जिक्र के बाद उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को फिर हवा मिलती दिख रही है।
ममता और वाम दलों ने बंगाल को बर्बाद कर दिया
राजनाथ ने ममता पर हमला करते हुए कहा, 'राज्य में ममता के आने के बाद गरीबी और बेरोजगारी पहले से ज्यादा बढ़ी है। पश्चिम बंगाल को वामपंथी दलों की सरकार ने और TMC की सरकार ने 45 वर्षों के अन्दर तबाह कर दिया है। ममता बनर्जी ने 10 वर्षों में पश्चिम बंगाल के विकास के लिए अगर कुछ किया है तो केवल तबाही और इस तबाही के अलावा कुछ नहीं किया। जबकि जब से मोदीजी केंद्र में आए तब से उन्होंने पश्चिम बंगाल में सड़कों के निर्माण के लिए 25,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है और कई योजनाएं चलाई हैं।'