आतंकियों की मदद करने वालों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर सरकार की बड़ी कार्रवाई


जम्मू-कश्मीर में देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की गई है. सरकार ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल चार कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. इन पर आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने का आरोप है. इनमें दो कांस्टेबल, दो ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग का कर्मचारी है और एक स्कूल शिक्षा विभाग में कनिष्ठ सहायक है.

ये सभी पाकिस्तान की आईएसआई और आतंकवादी संगठनों के लिए काम कर रहे थें. खुफिया एजेंसियों ने उनके खिलाफ कई आपत्तिजनक सबूत एकत्र कर लिए थे. इन पर ये आरोप भी है कि सीमा पार पाकिस्तान में ड्रग के तस्करों के साथ संपर्क स्थापित किया था और उत्तरी कश्मीर बेल्ट में ड्रग कार्टेल चला रहा था. उसका सीमा पार सक्रिय नार्को-आतंकवादी सिंडिकेट के सरगनाओं के साथ सीधा संबंध था. ये ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग में ग्राम स्तरीय कार्यकर्ता के पद पर काम कर रहा था.

ये उत्तरी कश्मीर बेल्ट में ड्रग कार्टेल चला रहे थें और जम्मू-कश्मीर मूल के व्यक्तियों के साथ लगातार संपर्क में थे. जो 1990 में आतंकवादी प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान में घुसपैठ कर गए थे और इस समय में पीओके में बस गए हैं. सरकार ने राष्ट्र-विरोधी तत्वों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. ये सभी सरकारी सेवा में होने का लाभ उठा रहे थे.

कई लोगों का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के साथ काम कर रहे सिन्हा अब तक ऐसे करीब 50 से ज्यादा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर चुके हैं. इन सभी लोगों पर आतंकवादी संगठनों और पाकिस्तान की आईएसआई के लिए काम करने का आरोप की लगा था. बर्खास्त किए गए इन चार कर्मचारियों में 2 जेके पुलिस कांस्टेबल अब्दुल रहमान डार और गुलाम रसूल भट हैं. वहीं जल शक्ति विभाग के सहायक लाइनमैन अनायतुल्ला शाह पीरजादा और स्कूल शिक्षक शबीर अहमद वानी भी शामिल हैं.

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