जंगली जानवरों के आतंक से राजपुर व काराकाट प्रखंड के सीमावर्ती गांवों के किसान परेशान हैं। बावजूद वन विभाग के अधिकारी व जनप्रतिनिधि मुकदर्शक बनें हुए हैं, जिससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है। किसानों की खेतों में लगाई गई रबी की फ़सल तैयार होने लगी है।
ऐसे समय में खेतों मे जंगली जानवर झूंड के झूंड खेतों में आ फ़सल को नष्ट करने लगें हैं। खेतों में लहलहाती फ़सल को नीलगाय, जंगली सूअर, घडरोज द्वारा बर्बाद की जा रही है। फ़सल को जब किसान देखता है तो उसका कलेजा मुंह को आ जा रहा है। बावजूद किसान मनमसोस कर रहने को विवश हैं। प्रखंड के बरना, हुसेनाबाद, छपरा, रामूडिह, डिहरी, मंगरवलिया, सियावंक तथा काराकाट प्रखंड के सीमावर्ती गांव अमरथा, तिरासी बिगहा सहित अन्य गांवों के किसान अपनी खडी़ फ़सल को ले काफी चिंतित हैं। लेकिन इन किसानों की समस्या का समाधान न ही इनके जनप्रतिनिधि करा रहे हैं और न ही अधिकारी।
किसान रामेश्वर शुक्ला,अरुण सिह,नालेनदु,जय राम सिंह,अरबिनद कुमार, ब्रजराज पाण्डेय सहित अन्य किसानों ने बताया कि जंगली जानवरों के आतंक से मुक्ति के लिए वन विभाग के अधिकारी व जनप्रतिनिधि सांसद, विधायक से कई बार लिखित व मौखिक रूप से कहा गया लेकिन आज तक किसी ने किसानों की दर्द को सुनना उचित नहीं समझा। किसानों का कहना है कि जंगली जानवरों से फसलों को बचाना एक बड़ी चुनौती बन गई है। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा योजनाएं तो कई बनाई गई है उसपर अमल हो तब किसानों को कुछ लाभ मिलेगा। दिन रात फसलों की रक्षा के लिए खड़ा रहना भी संभव नहीं है। अगर कोई किसान इन जंगली जानवरों को नुक़सान पहुंचाता है तो उसपर अलग कार्रवाई शुरू हो जाती है। इस संबंध में बीडीओ सौरभ आलोक ने बताया कि मेरे पास ऐसी सूचना किसी द्वारा नहीं दी गई है। बावजूद वन विभाग के अधिकारी से बात कर किसानों की समस्या को समाधान कराया जाएगा।
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