तृणमूल के हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी से भड़कीं भारती घोष, कहा- बंगाल में है जिहादियों की सरकार


बंगाल में जैसे- जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक दलों के नेताओं की तीखी बयानबाजी भी बढ़ती जा रही है। इसी कड़ी में एक टीवी डिबेट शो में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्य के पूर्व मंत्री मदन मित्रा ने भगवान राम, माता सीता और भगवान परशुराम को लेकर अत्यंत ही आपत्तिजनक टिप्पणी की। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी ने भी माता सीता को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी। तृणमूल नेताओं द्वारा लगातार हिंदू धर्म के अनुयायियों को आहत करनेवाली बयानबाजी पर पूर्व आइपीएस अधिकारी व बंगाल भाजपा की उपाध्यक्ष भारती घोष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने सत्तारुढ़ दल को इसको लेकर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्य में जो तृणमूल की सरकार है, वह जिहादियों की सरकार है। हिंदू देवी-देवताओं और उनकी संस्कृति के लिए उनके मन में कोई सम्मान नहीं है। घोष ने कहा- कहने को तो इनके अधिकतर मंत्री हिंदू हैं, लेकिन ये हिंदू धर्म को खत्म करने पर तुले हुए हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेता हर दिन हिंदुओं व हिंदू धर्म के खिलाफ बोल रहे हैं। इसीलिए मुझे लगता है कि इस तृणमूल सरकार में जितने भी लोग हैं, वह जेहादी हैं। उन्होंने मदन मित्रा द्वारा जय श्रीराम पर बैन लगाने के लिए अदालत जाने के मसले पर कहा कि वह हाई कोर्ट जाएं या सुप्रीम कोर्ट, हम जनता कोर्ट में हैं और जनता जनार्दन ने ही जय श्रीराम कहा है।

तृणमूल करती है गंदी राजनीति, जनता जनार्दन भाजपा के साथ है

एक सभा के दौरान पूर्व आइपीएस अधिकारी भारती घोष से जब पूछा गया कि इस बार बंगाल चुनाव कितने साफ-सुथरे तरीके से होगा? तो उन्होंने कहा, जितनी कोशिश हम चुनाव को साफ-सुथरे तरीके से करवाने का करेंगे, ठीक उतनी ही कोशिश तृणमूल कांग्रेस चुनाव को गंदा करने के लिए करेगी। गंदा करने से उनका तात्पर्य बूथ कैप्चरिंग या वोटर को डराने धमकाने से है। घोष ने कहा कि तृणमूल के लोग जनता के मताधिकार को छीनने की जितना कोशिश करेंगे, उसका 100 गुना अधिक कोशिश हम करेंगे कि राज्य की हर एक जनता अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपना मतदान कर सकें।

पूर्व आइपीएस अधिकारी घोष ने दावा किया कि इससे पहले जितने भी चुनाव बंगाल में हुए, उन सब में तृणमूल के लोगों के द्वारा अधिकतर बूथ को कैप्चर कराया जाता था और पोलिंग एजेंट को डराया धमकाया जाता था। बूथ में केवल एक पोलिंग एजेंट दिया जाता था और वह भी तृणमूल के लिए ही काम करता था. ऐसे में जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करें भी तो कैसे। उन्होंने यह भी दावा किया कि पहले तृणमूल के लोग घर-घर जाकर लोगों को डराया करते थे या वोटर कार्ड छीन लिया करते थे, जिससे कि लोग मतदान न कर सके।

राजनीतिक हिंसा में बंगाल का स्थान सर्वोपरि

भारती घोष ने आगे कहा कि राजनीतिक हिंसा में बंगाल का स्थान सर्वोपरि है। राजनीति के मामले में जितनी हिंसा अन्य राज्यों में की जाती है, उससे कई गुना ज्यादा हिंसा बंगाल में होती है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार जनता को धोखा देती है, जैसा कि वह अब स्वास्थ्य साथी कार्ड के नाम पर कर रही हैं

तृणमूल नेताओं पर लगाया टीका व स्लोगन चोरी का आरोप

भारती ने तृणमूल पर आरोप लगाया कि वह चोरी करती है। तृणमूल के नेता कोविड टीका से लेकर के स्लोगन तक चुराते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी का एक स्लोगन हरे कृष्णा हरे हरे, बीजेपी घरे- घरे को भी तृणमूल द्वारा चुरा कर हरे कृष्णा, हरे हरे टीएमसी घरे- घरे कर दिया गया। उन्होंने कहा कि तृणमूल नेताओं को चोरी करने की आदत ऐसी पड़ चुकी है कि वह वोट भी चुराना शुरू कर चुके हैं, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा, क्योंकि जनता जनार्दन इस बार भारतीय जनता पार्टी के साथ है। 

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