पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद राज्यपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बंगाल में सुरक्षा हालात खतरे में है. यहां अल क़ायदा ने पांव पसार लिए हैं. जगह-जगह बम बनाने की फैक्ट्रियां खुल गई हैं. मैं जानना चाहता हूं कि वहां का प्रशासन क्या कर रहा है. वहां के डीजीपी का राज किसी से खुला नहीं है. इसलिए मैंने कहा कि प्रदेश की पुलिस का राजनीतिकरण हो गया है.
उन्होंने आगे कहा, "पश्चिम बंगाल में मां भारती के सपूत को बाहरी कहा जाता है, क्योंकि वो बंगाल की भूमि से नहीं हैं. ये बेहद दुखी करने वाला है. किसी भारतीय को बाहरी कहना संविधान के खिलाफ है. संवैधानिक के खिलाफ कुछ भी होता है तो मेरे दिल को दुख पहुंचता है. हम सभी मां भारती की संतान हैं और एकता में विश्वास करते हैं. मां भारती की धरती पर रहने वाले किसी भी शख्स को बाहरी नहीं कहा जा सकता है."
उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल के लिए 2021 चुनौतियों वाला साल है, क्योंकि यहां पर विधानसभा चुनाव होने वाला है. पश्चिम बंगाल की इमेज बदलने के लिए यह बढ़िया मौका है. क्योंकि अब तक इन इलाकों में चुनाव के दौरान काफी हिंसा देखने को मिली है. यहां पर वोटर्स के मौलिक अधिकार, ब्यूरोक्रोसी के रोल और पुलिस के कर्तव्य के साथ समझौता किया जा रहा है.
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले राज्यपाल धनखड़ और गृह मंत्री अमित शाह के बीच हुई इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है. जगदीप धनखड़ ने पिछले साल अक्टूबर में भी गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.
बता दें कि जगदीप धनखड़ हाल के दिनों में कई बार ममता बनर्जी सरकार की आलोचना कर चुके हैं. राज्यपाल धनखड़ कानून व्यवस्था के मुद्दे पर ममता सरकार को लगातार घेर रहे हैं. पिछले साल जब कोलकाता में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमला हुआ था, तब उन्होंने कहा कि था कि जब राज्य में लोकतंत्र मुश्किल में हो तो वह रबर स्टाम्प बनकर नहीं रह सकते हैं.
वहीं टीएमसी नेताओं ने गृह मंत्रालय से राज्यपाल जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल से वापस बुलाने की मांग की है. बता दें कि कुछ ही दिन पहले ममता बनर्जी राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात करने राजभवन पहुंचीं थीं. 294 सदस्यों वाली पश्चिम बंगाल में इसी साल अप्रैल मई महीने में विधानसभा का चुनाव है. राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए राज्य के बीजेपी नेता राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहे हैं.
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