बिहार के फाइनल चरण की 78 सीटों पर जंग तेज, जानें- किस पार्टी का क्या दांव पर?


बिहार विधानसभा चुनाव के दो चरण की वोटिंग के बाद राजनीतिक दलों ने तीसरे फेज की सीटों पर प्रचार अभियान तेज कर दिया है. बिहार के तीसरे और अंतिम चरण में 15 जिलों की 78 विधानसभा सीटों पर 1208 उम्मीदवार मैदान में हैं. इस चरण में एनडीए की साख दांव पर लगी है, जहां जेडीयू का सबसे ज्यादा सीटों पर कब्जा है तो आरजेडी यहां सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव मैदान में है. वहीं, पप्पू यादव और असदुद्दीन ओवैसी की सारी उम्मीदें इस चरण से हैं. ऐसे में बिहार का फाइनल चरण की सियासी लड़ाई काफी रोचक होती नजर आ रही है. 

बिहार के आखिरी चरण में15 जिलों में चुनाव होना है, उनमें मुस्लिम बहुल सीमांचल तो यादव बहुल कोसी और ब्राह्मण बहुल मिथिलांचल की कुछ सीटों पर चुनावी जंग होनी है. इसमें पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशाली और समस्तीपुर जिले की 78 सीटें हैं. ऐसे में इस चरण की साठ फीसदी यानी 45 से अधिक सीटें जिस गठबंधन के कब्जे में आएगी, उसके लिए सत्ता पर काबिज होना आसान हो जाएगा. 

कौन कितने सीटों पर चुनाव लड़ रहा

इस चरण की 78 सीट पर महागठबंधन की ओर से आरजेडी सबसे ज्यादा सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी है. अंतिम चरण में 46 सीटों पर आरजेडी उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं जबकि 25 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. इसके अलावा महागठबंधन के सहयोगियों में सीपीआई (माले) पांच और सीपीआई ने दो सीटें पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. वहीं, एनडीए की ओर से जेडीयू सबसे अधिक 37 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बीजेपी ने 35 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं और वीआइपी की 5 और हम का एक सीट पर ताल ठोक रही है. इसके अलावा ओवैसी आखिरी चरण में दो दर्जन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.

किसके कब्जे में कितनी सीटें

बिहार के फाइनल चरण की 78 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें सबसे ज्यादा सीटों पर नीतीश कुमार की पार्टी का कब्जा है. 2015 में महागठबंधन के संग रहते हुए जेडीयू ने 17.31 फीसदी वोटों के साथ 23 सीटें जीती थी जबकि आरजेडी 16.30 फीसदी वोट के साथ 20 सीटें जीती थी और कांग्रेस ने 8.38 फीसदी वोट के साथ 11 सीटें हासिल की थी. वहीं, एनडीए की ओर से बीजेपी 25.79 फीसदी के साथ 20 सीटें ही जीत सकी थी और एलजेपी को  3.81 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन खाता नहीं खोल सकी थी. इसके अलावा अन्य को तीन सीटें मिली थीं और सीपीआई माले को एक सीट पर जीती मिली थी. 

16 फीसदी वोटों का अंतर

हालांकि, इस बार का राजनीतिक समीकरण बदल गया है और जेडीयू-बीजेपी एक साथ चुनावी मैदान में उतरी है. ऐसे में मौजूदा एनडीए के 43.83 फीसदी वोटों के साथ 43 सीटों पर कब्जा है, जिनमें बीजेपी, हम और वीआईपी पार्टी का भी वोट है. इस तरह से नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए की तीसरे चरण में साख दांव पर लगी है. वहीं, महागठबंधन के पास 27.14 फीसदी वोटों के साथ 32 सीटें हैं, जिनमें कांग्रेस और वामपंथी दलों के वोट जुड़े हुए हैं. इस लिहाज से एनडीए और महागठबंधन के बीच करीब 16 फीसदी से ज्यादा वोटों का अंतर है. 

नीतीश के मंत्रियों की साख दांव पर

तीसरे चरण में ही विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी समस्तीपुर के सरायरंजन से उम्मीदवार हैं. इनके अलावा नीतीश सरकार के आठ मंत्रियों के चुनावी भाग्य का भी फैसला होना है. इनमें सुपौल से ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, बेनीपट्टी से मंत्री विनोद नारायण झा, दरभंगा के बहादुरपुर से खाद्य मंत्री मदन सहनी, मुजफ्फरपुर में सुरेश शर्मा, लौकहा से लक्ष्मेश्वर राय, रूपौली से बीमा भारती, आलमनगर से नरेंद्र नारायण यादव, सिंहेश्वर से रमेश ऋषिदेव और कल्याणपुर से महेश्वर हजारी के नाम हैं.

इन दिग्गजों की किस्मत का फैसला

वहीं, अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में केवटी से आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी, बिहारीगंज से शरद यादव की पुत्री सुभाषिणी यादव, सहरसा से पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद, मधेपुरा से जेडीयू के निखिल मंडल, नरकटियागंज से कांग्रेस के विनय वर्मा, रामनगर से पूर्व मंत्री राजेश राम के नाम हैं. इसके अलावा अमौर से AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान मैदान में है जबकि मधेपुरा से पप्पू यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.  

इन 78 सीटों पर चुनाव

वाल्मीकिनगर, रामनगर (सु.), नरकटियागंज, रूपौली, धमदाहा, पूर्णिया, कटिहार, कदवा, बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी (एसटी), बरारी, कोढ़ा (एससी), आलमनगर, बिहारीगंज, सिंहेश्वर (एससी), मधेपुरा, सोनबरसा (एससी), सहरसा, सिमरी बख्तियारपुर, महिषी, दरभंगा, हायाघाट, बहादुरपुर, केवटी, जाले, गायघाट, औराई, बोचहा (एससी), सकरा (एससी), बगहा, लौरिया, सिकटा, रक्सौल, सुगौली, नरकटिया, मोतिहारी, चिरैया, ढाका, रीगा, बथनाहा (एससी), परिहार, सुरसंड, बाजपट्‌टी और हरलाखी है, 

इसके अलावा बेनीपट्‌टी, खजौली, बाबूबरही, बिस्फी, लौकहा, निर्मली, पिपरा, सुपौल, त्रिवेणीगंज (एससी), छातापुर, नरपतगंज, रानीगंज (एससी), फारबिसगंज, अररिया, जोकीहाट, सिकटी, बहादुरगंज, ठाकुरगंज, किशनगंज, कोचाधामन, अमौर, वायसी, कसबा, बनमनखी (एससी),  कुढ़नी, मुजफ्फरपुर, महुआ, पातेपुर (एससी), कल्याणपुर (एससी), वारिसनगर, समस्तीपुर, मोरवा, और सरायरंजन सीटें शामिल हैं. 


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