ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मंगलवार को कहा कि परीक्षण के लिए जिन लोगों को भी उसकी कोरोना वैक्सीन की खुराक दी गई है, उनमें मजबूत प्रतिरक्षा विकसित हुई है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ब्रिटेन की दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन विकसित कर रही है। हालांकि, परीक्षण के शुरुआती नतीजों को आधिकारिक तौर पर अभी जारी नहीं किया गया है, लेकिन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एंड्र्यू पोलार्ड ने हाल ही में एकरिसर्च कांफ्रेंस में कहा कि सकारात्मक नतीजे मिले हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि प्रोफेसर पोलार्ड ने दूसरे चरण के सुरक्षा और प्रतिरक्षा प्रणाली का जिक्र किया था। इस चरण में ब्रिटेन में 56 से 69 और 70 साल से अधिक उम्र के लोगों पर ट्रायल किया गया है। एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का इंसानों पर तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। वैक्सीन की दौड़ में यह सबसे आगे बनी हुई है। माना जा रहा है कि जल्द ही यह बाजार में आ जाएगी।
शुरुआती नतीजों में बुजुर्गो पर कारगर दिखा टीका
कोरोना महामारी से चल रही जंग के बीच एक राहत भरी खबर है। ब्रिटिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर बनाई जा रही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन कामयाबी के और करीब पहुंच गई है। परीक्षण के आखिरी दौर में चल रही इस वैक्सीन को बुजुर्गो में भी युवाओं जितना ही कारगर पाया गया है। बढ़ती उम्र के साथ कमजोर पड़ती प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को देखते हुए बुजुर्गो पर टीके का यह असर उत्साहजनक है। इस बीच, समाचार पत्र 'द सन' ने लंदन के एक बड़े हॉस्पिटल ट्रस्ट के स्टाफ के हवाले से बताया है कि अस्पतालों को दो नवंबर से टीका लगाने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। कोरोना से जूझती वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वैक्सीन का जल्द से जल्द बाजार में आना बहुत सुकून की बात होगी।
एस्ट्राजेनेका के प्रवक्ता ने कहा, 'यह उत्साह बढ़ाने वाली बात है कि वैक्सीन ने युवाओं और बुजुर्गो दोनों में समान असर दिखाया है। साथ ही बुजुर्गो में इसका दुष्प्रभाव भी कम दिखा है। इन नतीजों ने वैक्सीन के सुरक्षित और कारगर होने की दिशा में एक और प्रमाण दिया है।' बढ़ती उम्र के साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है। यही कारण है कि वायरस के कारण जान गंवाने वालों में बुजुर्गो की तादाद ज्यादा है। ऐसे में बुजुर्ग लोगों में भी वैक्सीन की मदद से बेहतर इम्यून रेस्पांस पैदा होना अच्छी खबर है। अगर यह वैक्सीन आगे भी कारगर रही तो महामारी से जूझ रही दुनिया को जल्द से जल्द सामान्य होने में मदद मिलेगी।
ऑक्सफोर्ड की यह वैक्सीन परीक्षण के आखिरी चरण में चल रही है। इसके शुरुआती नतीजे जल्द ही प्रकाशित किए जाएंगे। एस्ट्राजेनेका ने अब तक कई देशों से टीके की आपूर्ति को लेकर करार किया है। इस बीच, ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने 2021 की शुरुआत में टीका बाजार में आने की उम्मीद जताई है। हालांकि उन्होंने इसी साल टीका आने की संभावना को खारिज नहीं किया है।
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