आचार्य बालकृष्ण ने रुचि सोया के MD पद से इस्तीफा दिया, व्यस्तता को बताया वजह


बाबा रामदेव के करीबी आचार्य बालकृष्ण ने रुचि सोया के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) पद से इस्तीफा दे दिया है. इसकी वजह से उनकी 'अन्य जगहों पर व्यस्तता' को बताया जा रहा है. वह 19 अगस्त से तत्काल प्रभाव से कंपनी के गैर कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक बन गए हैं.

पतंजलि ग्रुप ने इनसॉल्वेंसी प्रोसेस में रुचि सोया को खरीदा था. रुचि सोया खाद्य तेल, सोया उत्पाद आदि बनाती है. रुचि सोया ने स्टॉक एक्सचेंजों को बुधवार को बताया, 'आचार्य बालकृष्ण ने अपनी अन्य व्यस्तताओं की वजह से 18 अगस्त, 2020 से तत्काल प्रभाव से मैनेजिंग डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया है. निदेशक मंडल ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है और उनको प्रबंध निदेशक पद के कार्यों से मुक्त कर दिया है.'

गौरतलब है कि पतंजलि ग्रुप की कंपनी रुचि सोया का जून तिमाही में मुनाफा 13 फीसदी घट गया. कंपनी ने बुधवार को जून तिमाही के नतीजों की घोषणा की. इस दौरान कंपनी का मुनाफा 13 फीसदी घटकर 12.25 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 14.01 करोड़ रुपये था. जून तिमाही में कंपनी की कुल आय गिरकर 3057.15 करोड़ रुपये रह गई जो पिछले साल समान तिमाही में 3125.65 करोड़ रुपये थी।

राम भरत बने नए एमडी

कंपनी के पूर्णकालिक डायरेक्टर राम भरत को कंपनी का नया एमडी बनाया गया है. उनकी नियुक्ति बुधवार से प्रभावी हो गई है. रुचि सोया दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही थी और पिछले साल पतंजलि आयुर्वेद ने इसे 4,350 करोड़ रुपये में खरीद लिया था.

उसे मार्च की चौथी तिमाही में 41.25 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जब​कि एक साल पहले उसे इस अवधि में 32.11 करोड़ रुपये का फायदा हुआ था. हालांकि पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी को 7,672 करोड़ रुपये का भारी मुनाफा हुआ है, क्योंकि उसे कर्ज और इक्विटी में कुछ रीस्ट्रक्चरिंग करने से 7,447 करोड़ रुपये की एकमुश्त रकम हासिल हुई है.

पिछले साल मिला था नियंत्रण

पतंजलि को दिसंबर में एनसीएलटी से इस कंपनी का नियंत्रण मिला है. इसके बाद कंपनी को फिर से 27 जनवरी, 2020 को शेयर बाजार में लिस्ट किया गया. मध्य प्रदेश मुख्यालय वाली यह कंपनियां देश की प्रमुख खाद्य तेल और सोयाबीन उत्पाद कंपनी है. सोयाबीन में इसका न्यूट्रीला ब्रांड काफी लोकप्रिय है.

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