कृपया ध्यान दें। हावड़ा से बड़बिल जाने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस कुछ ही देर में चाईबासा स्टेशन पहुंचने वाली है। इतना सुनते ही चाईबासा स्टेशन के आसपास लगने वाली सभी दुकानें धड़ाधड़ बंद होने लगती हैं। ऐसा नजारा आमतौर पर देखने को नहीं मिलता, लेकिन कोरोना संक्रमण के इस दौर में चाईबासा रेलवे स्टेशन पर हर सुबह 11 बजे आपको ऐसा देखने को मिल जाएगा। दहशत का आलम यह है की कोलकाता से आने वाले यात्रियों को स्टेशन परिसर के अंदर व बाहर पानी तक नसीब नहीं हो रहा है।
यह स्थिति तब है जबकि जिला प्रशासन, रेलवे व चिकित्सकों की टीम एक-एक यात्री की न सिर्फ जांच करता है, बल्कि एहतियात के तौर पर उनका पूरा पता नोट कर जरूरत के हिसाब से उन्हें क्वारंटाइन में भेज देता है। इतना ही नहीं यात्रियों को पूरी तरह से सैनिटाइज किए जाने के बाद स्टेशन पर खड़ी बसों से उन्हें उनके गृह स्थल भेजा जाता है। इसके बावजूद दहशत का आलम बरकरार है।
रेलवे स्टेशन के बाहर दुकान लगाने वाले संजीव कुमार कहते हैं कि जितने भी पैसेंजर जनशताब्दी एक्सप्रेस से आते हैं, सभी बंगाल के विभिन्न जगहों और कोलकाता के होते हैं, जहां संक्रमण काफी ज्यादा है। हम थोड़े पैसे के लिए दुकान खोल कर संक्रमण नहीं झेल सकते। लिहाजा जब यात्री वहां से चले जाते हैं, दो घंटे बाद दुकानें खुलती हैं।
इसके बाद दुकान के आसपास के क्षेत्र को सैनिटाइज भी किया जाता है। यात्री विमल कुमार के अनुसार चाईबासा पहुंचने से कुछ स्टेशन पहले ही पानी खत्म हो गया था। बहुत भटकने के बाद भी पानी नहीं मिल सका। यह अच्छी स्थिति नहीं है। अगर दुकानदार भेदभाव करते हैं तो स्थानीय प्रशासन व रेलवे को यात्रियों का ख्याल करना चाहिए।
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