पुलिस के नेतृत्व में निकला जुलूस, टूटा लॉकडाउन


युवा शक्ति संवाददाता
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हावड़़ा : जब कोई आम आदमी लॉकडाउन तोड़ता है तो पुलिस उसपर डंडे बरसाती है और अगर पुलिस के नेतृत्व में ही कोई लॉकडाउन का मजाक उड़ाये तो जी हॉ। आज टिकियापाड़ा के बेलेलियस रोड में हावड़ा सिटी पुलिस व तृणमूल के स्थानीय नेताओं के नेतृत्व में दिल दहला देनेवाली एक जुलूस रास्ते पर निकली। दिल दहला देनेवाली जुलूस इसलिए कहा गया कि इस जुलूस से कोरोना वायरस के फैलने का खतरा बढ़ गया है। कोई पुलिस अधिकारी इसे कहता है शांति जुलूस को कोई वोलेंटियर और पुलिसकर्मियों की रूट मार्च कहता है।

लेकिन इसे किसी भी रूप में शांति जुलूस नहीं कहा जा सकता। रविवार दोपहर को हजारों की संख्या में भीड़ बेलेलियस रोड पर चली जा रही थी। हावड़ा सिटी पुलिस व नेतृत्व देनेवाले स्थानीय लोगों के समर्थन में गगनभेदी नारे लग रहे थे। 

आश्चर्य है। जिन पुलिसकर्मियों पर स्थानीय लोगों की लगभग हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ ने हमला किया था आज वही पुलिस उसी भीड़ को लेकर साथ- साथ चल रही थी। क्या इससे लॉकडाउन नहीं टूटा।

इस जुलूस का नेतृत्व हावड़ा सिटी पुलिस के एसीपी (सेन्ट्रल) आलोक दास गुप्ता, हावड़ा नगर निगम के वार्ड 20 की पूर्व पार्षद इस्मत आरा, पूर्व पार्षद मो. सलीम, स्थानीय तृणमूल नेता लाला कर रहे थे।

उल्लेखनीय है कि 27 अप्रैल को इसी टिकियापाड़ा में लॉकडाउन तोड़ रहे कुछ लोगों पर कार्रवाई करने पर भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया था। इस घटना में दो महिला पुलिसकर्मी सहित चार लोग घायल हुए थे। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। आज उसी भीड़ के साथ पुलिसकर्मी जुलूस में शामिल थे। पुलिस की इस कृत्य पर विपक्षियों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। 

प्रदेश भाजपा के कार्यसमिति सदस्य उमेश राय ने कहा कि यह पूरी तरह से लॉकडाउन का मजाक उड़ाया गया है। अगर उस इलाके में कोई भी कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ तो इसकी जिम्मेवारी पुलिस को लेनी होगी। 

वहीं जुलूस की अगुवाई करने वाले पुलिस अधिकारी आलोक कुमार से फोन पर सम्पर्क करने पर कहा कि आपरेशन कोविड जीरो के वोलेंटियरों को इलाके मे घुमाया जा रहा था। उसी समय इलाके के और कई लोग आ पहुंचे और पीछे-पीछे जुलूस में चलने लगे। बाद में उन लोगो को चले जाने के लिए कहा गया। इसी दौरान कुछ लोगों ने ऊपर से फूल भी बरसाये।
सवाल यह है कि क्या पुलिस, वोलेंटियर्स और स्थानीय तृणमूल नेताओं को लेकर रूट मार्च करने की जरूरत थी। क्या इससे कोरोना के फैलने का खतरा नहीं बढ़ जाता।

हावड़ा सिटी पुलिस के डीसी सेंट्रल जेबी थामस से जब इस मुद्दे पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह कोई शांति जुलूस नहीं थी यह तो बस रैफ और वोलेंटियरों को लेकर रूट मार्च किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि वहां भीड़ कैसे इकट्ठा हो गई। इसकी जांच करेंगे।

आज निकले इस जुलूस से लोगों में भय व्याप्त हो गया है। पुलिस के आला अधिकारी चाहे जो कुछ कहे सत्य तो यह है कि कोरोना वायरस को जीवित रहने के लिए लंबी चेन की कड़ी मिल गई है।


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