बिहार में एक दिन में आए रेकॉर्ड केस: प्रवासियों की वापसी और टेस्टिंग सुविधा ने बढ़ाई नीतीश सरकार की टेंशन


पटना :बिहार में कोरोना वायरस का कहर (Coronavirus cases in Bihar) लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार को प्रदेश में एक ही दिन में रिकॉर्ड 85 पॉजिटिव केस सामने आए। इसी के साथ कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 700 के पार पहुंच गई है। बिहार में प्रवासी लोगों की वापसी (Corona cases in Migrants) के साथ ही कोरोना के मामलों में इजाफा देखने को मिला है। 4 मई से अब तक 85 प्रवासियों में कोरोना टेस्ट पॉजिटिव (Corona test Positive) आया है। प्रवासियों की वापसी और कोरोना की टेस्टिंग की सीमित सुविधा ने सरकार की चुनौती को बढ़ा दिया है।

प्रवासियों की वापसी के साथ बिहार में बढ़ा कोरोना
बिहार में एक मई से अब तक करीब एक लाख से ज्यादा प्रवासी लोगों की वापसी हुई है। अगले कुछ दिनों में करीब 85 हजार और लोगों की वापसी का अनुमान है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने और उनकी स्क्रीनिंग और टेस्टिंग सरकार के लिए बड़ा चैलेंज होगा। शनिवार को बिहार सरकार ने बताया कि नंदुरबार, दिल्ली, मुंबई, और अहमदाबाद से ट्रेनों में यात्रियों में 1,100 के रैंडम टेस्ट किए गए, जिनमें 44 के रिपोर्ट पॉजिटिव आए। पिछले एक हफ्ते से प्रदेश में रोजाना लगभग 1,000 प्रवासियों की रैंडम सैंपलिंग की जा रही है। इनमें उन क्षेत्रों को फोकस किया जा रहा, जो रेड जोन से आ रहे हैं।

बिहार में रोजाना 1800 टेस्ट की क्षमता
बिहार स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, रोजाना लगभग 1,800 टेस्ट करने की क्षमता है। छह सरकारी अस्पतालों और राजेंद्र मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरएमआरआई) में प्रतिदिन औसतन 1,400-1,500 का टेस्ट किया जाता है। सरकार ने दो निजी प्रयोगशालाओं को भी टेस्ट की अनुमति दी है, अगर कोई टेस्ट के लिए भुगतान करना चाहता है तो यहां जाकर टेस्ट करा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि बिहार में आ रहे प्रवासियों के टेस्ट रिपोर्ट चौंकाने वाले हैं। 1100 की रैंडम सैंपल में 4 फीसदी के टेस्ट पॉजिटिव आए हैं।

प्रवासियों की रैंडम टेस्टिंग की रिपोर्ट चौंकाने वाली
संजय कुमार ने कहा कि हम क्वारंटीन सेंटर में रह रहे सभी प्रवासियों का टेस्ट नहीं कर सकते क्योंकि उनकी संख्या एक लाख से ज्यादा पहुंच चुकी है। हालांकि, हम चुनौतियों को समझ रहे और इसके लिए जरूरी व्यवस्था को लेकर और अपनी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 9 मई को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद को लिखा है। अब हम रोजाना 1811 टेस्ट कर सकते हैं। अगर उम्मीद के मुताबिक व्यवस्था हुई तो हम प्रतिदिन 8,622 नमूनों का परीक्षण करने में सफल रहेंगे।

क्वारंटीन सेंटर में रखे जा रहे प्रवासी, हो रही जांच
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ट्रेनों से आने वाले प्रवासियों को क्वारंटीन सेंटर में रखा जा रहा है। गांवों में ग्राम प्रधान की मदद से हम प्रवासियों के ग्रुप का टेस्ट कर रहे हैं। हमने डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग की व्यवस्था बनाई है और अब तक करीब 10.4 करोड़ लोगों की जांच की है। 3,849 नमूने एकत्र किए हैं। इससे पता चलता है कि प्रदेश में लोगों के बीच इसका ज्यादा प्रभाव नहीं है। हालांकि, प्रवासी जरूर एक चैलेंज हैं। बिहार आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि हमने ब्लॉक मुख्यालय पर लगभग 3,500 क्वारंटीन सेंटर में करीब 3.5 लाख प्रवासियों को रखने की क्षमता बनाई है। डॉक्टर रोज क्वारंटीन सेंटर में जांच के लिए पहुंच रहे हैं। क्वारंटीन में हम 21 दिनों के लिए लोगों रख रहे हैं।

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