West Bengal Coronavirus Lockdown : कोरोना खतरे को देखते हुए बंगाल की जेलों से छो़ड़े जा रहे हैं 3,076 कैदी


पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सूबे की जेलों से 3,000 से अधिक विचाराधीन और सजाकाट रहे कैदियों को मुक्त किया जा रहा। यह जानकारी मंगलवार को राज्य के जेल विभाग के मंत्री उज्ज्वल विश्वास ने दी.

उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार मुक्त किया जा रहा है. सोमवार को 60 जेलों के 3,076 कैदियों को मुक्य करने का कार्य शुरू कर दिया गया है. जेल मंत्री ने कहा कि देश में चल रहे लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए जेल प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन कर उन लोगों को अपने-अपने घर भेजा जा रहा है.

चार-पांच दिनों में इन कैदियों को पहुंचा दिया जाएगा घर

मुक्त होने वाले कैदियों में 2,059 विचाराधीन कैदी शामिल हैं जिन्हें अंतरिम जमानत दी गई है. इसके अलावा सजाकाट रहे 1,017 कैदियों को तीन महीने के पैरोल पर भी मुक्त किया जा रहा है। विश्वास ने कहा कि जेलों में जिस संख्या में कैदी बंद हैं एेसे में वहां सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन कराना असंभव कार्य है. क्योंकि एक-एक जेल में 2000 कैदी है. मंत्री ने कहा कि कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए प्रत्येक जेलों के कैदियों को अलग-अलग वाहन से घर पहुंचाया जा रहा है. अगले चार-पांच दिनों के भीतर सभी कैदियों को घर तक पहुंचा दिया जाएगा.

सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों को ध्यान में रखकर छोड़े जाए रहे हैं कैदी

दमदम सेंट्रल जेल में 21-22 मार्च को कैंदियों का सुरक्षा कर्मियों के साथ भीषण हिंसक झड़प हुई थी जिसमें कम से कम चार कैदियों की मौत होने की बात कही गई थी. क्योंकि, जेलों में कोरोना के चलते कैदियों को स्वजनों से मुलाकात और कोर्ट में पेशी पर रोक लगा दी गई है. इसी को लेकर जमकर हंगामा हुआ था. कैदियों ने जेल प्रहरियों पर ईंट-पत्थर चलाए और जेल की दीवार फांद कर भागने की कोशिश की थी. पुलिस को फायरिंग तक करनी पड़ी थी.

सजाकाट रहे कैदियों ने मुख्यमंत्री आपात राहत कोष में दान दिए 60 हजार रुपये 

जेल मंत्री ने कहा कि इससे पहले ही सजाकाट रहे कैदियों को पैरोल पर रिहा करने का फैसला लिया जा चुका था. मंत्री ने कहा कि कई जेलों में सजाकाट रहे कई कैदियों ने जेल में मजदूरी कर जो रुपये कमाए हैं उनमें से कोरोना से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री आपात राहत कोष में दान दिए हैं. उन्होंने कहा कि मिदनापुर केंद्रीय जेल में सटा काट रहे कैदियों के समूह ने 50,000- 60,000 रुपये दान में दिए हैं. 

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