कोलकाता : कोरोना के खिलाफ जारी जंग के बीच पश्चिम बंगाल में ममता सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. अब राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों का प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज होगा. इलाज के दौरान जो भी खर्चा आएगा, उसे राज्य सरकार वहन करेगी. बंगाल में अब तक 334 लोग संक्रमित हैं, जबकि 15 लोगों की मौत हुई है. पिछले 24 घंटे में 58 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. हाल ही में सीएम ममत बनर्जी ने कोरोना को लेकर केंद्र सरकार द्वारा इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम भेजने का विरोध किया था. सीएम ने कहा था कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से अपील करती हैं कि केंद्र टीम भेजने का आधार बताए, तबतक वे इस दिशा में आगे कोई कदम नहीं बढ़ा पाएंगी. ममता ने केंद्र के इस कदम को देश की संघीय भावना के खिलाफ बताया था.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस पर अब पश्चिम बंगाल में खुलकर राजनीति चल रही है. इस सियासी वार में बीते दिनों पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी कूद पड़े थे. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संविधान को नहीं मानती हैं, और वे खुद को कानून समझती हैं. कलकत्ता मेडिकल कॉलेज के 7 डॉक्टरों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी. बुधवार सीएमसी के 200 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर्स ने एक खुली चिट्ठी में प्रबंधन पर कोरोना संदिग्धों को लेकर खराब मैनेजमेंट का आरोप लगाया था. एशिया के इस पहले मेडिकल कॉलेज में कार्यरत जूनियर डॉक्टर्स का कहना था कि ये संस्थान स्थिति की खराब हैंडलिंग की वजह से हेल्थ वर्कर्स और मरीजों के लिए खतरनाक जोन बन गया है.